राजस्थान में कोटा के सरकारी जे.के. लोन हॉस्पिटल में बच्चों की मौत की संख्या 104 हो गई है। इस वक़्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बड़ी चिंता क्या होनी चाहिए? बच्चों की जान या विपक्ष की आलोचना का डर? उनके बयान को ही देखिए। गहलोत ने कहा है कि नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ बने माहौल से ध्यान हटाने के लिए कोटा में बच्चों की मौत के मामले को उठाया जा रहा है। तो अब पूछा जाना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री को इसकी चिंता होनी चाहिए कि नागरिकता क़ानून से ध्यान हटाने के लिए मुद्दे को उठाया जा रहा है या फिर एक-एक जान को बचाने की चिंता होनी चाहिए? यदि ध्यान हटाने के लिए मामले को उठाया जा रहा है तो भी क्या बच्चों की मौत लगातार होते रहने को कमतर आँका जा सकता है?