जेएनयू हिंसा में नकाबपोशों के हमले में घायल विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष के ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज करने पर गीतकार जावेद अख्तर ने तंज कसा है। यह तंज ऐसा-वैसा नहीं है, यह चोट है। एक गहरी चोट। उनपर जिन्होंने यह हिंसा की। उनपर जिन्होंने यह कराई। उनपर भी जिन्होंने हिंसा करने वालों का समर्थन किया। दरअसल, यह उस व्यवस्था पर चोट है जो 'राष्ट्रवाद' के नाम पर हिंसा को जायज़ ठहराने की कोशिश में रहती है।
जेएनयू पर जावेद अख़्तर- देशद्रोहियों ने बेचारे गुंडों को ठीक से लाठी नहीं मारने दी..
- देश
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- 8 Jan, 2020

जेएनयू हिंसा में नकाबपोशों के हमले में घायल विश्वविद्यालय की छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष के ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज करने पर गीतकार जावेद अख्तर ने तंज कसा है। यह तंज ऐसा-वैसा नहीं है, यह चोट है। एक गहरी चोट।
जावेद अख़्तर ने इसके लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने ट्वीट किया, 'जेएनयूएसयू अध्यक्ष के ख़िलाफ़ एफ़आईआर पूरी तरह से समझ में आती है। उसने अपने सिर से एक राष्ट्रवादी, देश प्रेमी लोहे की छड़ को रोकने की हिम्मत कैसे की। इन देशद्रोहियों ने हमारे बेचारे गुंडों को एक लाठी भी ठीक से नहीं बजाने दी। वे हमेशा अपने शरीर को वहाँ छान दिया। मुझे पता है कि उन्हें मार खाना पसंद है।'