दैनिक भास्कर कार्यालय पर गुरुवार को आयकर छापे के बाद कल सोशल मीडिया पर दैनिक भास्कर की तो तारीफ़ हुई ही, आज अब उसी छापे की ख़बर को लेकर द टेलीग्राफ़ की तारीफ़ें हो रही हैं। आख़िर द टेलीग्राफ़ ने ऐसा क्या कर दिया?
साहसिक पत्रकारिता और मारक शीर्षक के लिए पहचाने जाने वाले अंग्रेजी के इस अख़बार ने दरअसल, हिंदी के अख़बार दैनिक भास्कर को लेकर रिपोर्ट ही ऐसी छापी जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। पहले पन्ने पर रिपोर्ट है। हेडिंग तो अव्वल दर्जे की है ही, सरकार की कथित बदले की कार्रवाई को उजागर करने वाली रिपोर्ट और कोरोना काल में दैनिक भास्कर द्वारा सरकार की नाकामियों को उधेड़ने वाली छापी गई ख़बरों के स्क्रीनशॉट भी हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि द टेलीग्राफ़ ही ऐसा कर सकता है।
आख़िर द टेलीग्राफ़ ने इसको इस तरह क्यों पेश किया, यह भी उसका पहला पन्ना पढ़कर ही समझ में आ जाता है। इसने दैनिक भास्कर की रिपोर्टों और उस पर आयकर विभाग के छापों को तो तरजीह दी ही है, लेकिन इसके साथ ही छापे के बाद दैनिक भास्कर की प्रतिक्रिया को भी बड़ी प्रमुखता से छापा है।
दरअसल, आयकर विभाग के छापों के बाद 'दैनिक भास्कर' पत्र समूह के तेवर और तीखे हो गए। इसने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 'साफ़' कर दिया, 'मैं स्वतंत्र हूँ, क्योंकि मैं भास्कर हूँ। भास्कर में चलेगी सिर्फ़ पाठकों की मर्जी।'
यह उस दैनिक भास्कर की प्रतिक्रिया थी जिसके देश भर के 40 ठिकानों पर आयकर छापे मारे गए। भोपाल में ही पत्र समूह के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल के ई वन अरेरा कॉलोनी स्थित बंगले पर भी छापा मारा गया।
इस मामले पर द टेलीग्राफ़ की ख़बर का असर ऐसा हुआ कि सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ़ें मिलीं। वरिष्ठ पत्रकार दिबांग ने लिखा, 'पहली बार है कि एक समाचार पत्र ने किसी दूसरे समाचार पत्र का इतने ज़ोरदार तरीक़े से समर्थन किया है।'
पहली बार है कि एक समाचार पत्र ने किसी दूसरे समाचार पत्र का इतने ज़ोरदार तरीके से समर्थन किया है #सनदरहे #TheTelegraph #DainikBhaskar @TTIndia stands with @DainikBhaskar, and how pic.twitter.com/vKiTwkxwOp
— Dibang (@dibang) July 23, 2021
स्वतंत्र पत्रकार अनुराधा शर्मा ने लिखा है कि 'द टेलीग्राफ़ के फ्रंटपेज आकर्षक होने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन यह विशुद्ध सोना है।'
@ttindia frontpages are known for being catchy, but this one is pure gold. https://t.co/PrKzIqyiRR
— anuradha sharma (@NuraRadha) July 23, 2021
दीपक झा नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है कि 'शीर्षक ही पूरी कहानी कह रहा है- शासक जो छापे मारता है- द टेलीग्राफ़'
Headlines saying all
— Deepak Jha 🇮🇳 (@dkjha9) July 23, 2021
Ruler who Raids : The Telegraph @ttindia pic.twitter.com/uoH4qIrIXa
माइंड फ्लायर नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है- संपूर्ण रीढ़ की हड्डियों के साथ प्रिंट मीडिया।
The print media with full of spines..@ttindia pic.twitter.com/zi8CUPTyf2
— Mind Flayer (@mindflayer_309) July 23, 2021
ओंकार घोष नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है- आपने (द टेलीग्राफ़) दिल जीत लिया।
I have been retweeting since today morning.@ttindia you have won hearts. https://t.co/0Me7lRTZdh
— Onkar Ghosh (@Soumya_gsh) July 23, 2021
बता दें कि द टेलीग्राफ़ ने दैनिक भास्कर पर छापे की रिपोर्टिंग ऐसी इसलिए भी की है क्योंकि वह हाल में साहसिक ख़बरें करता रहा है।
कोविड की दूसरी लहर के दौरान केन्द्र सरकार की तमाम कथित नाकामियों के साथ बीजेपी शासित राज्यों में कोरोना से मौतों के आँकड़ों के फ़र्जीवाड़े को भी 'भास्कर' ने जमकर उजागर किया है। कोविड को लेकर टीकाकरण की तमाम खामियों और गड़बड़झालों को भी 'दैनिक भास्कर' निर्भीक ढंग से उजागर कर रहा है।
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