मंडल आंदोलन के बाद से ही उत्तर प्रदेश की सियासत में हाशिए पर चल रहे ब्राह्मण एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम होते दिख रहे हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को ख़ूब टिकट देने का दांव चल चुकी बीएसपी फिर से ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन कर रही है। 2007 में उसे इस दांव का फ़ायदा मिला था और प्रदेश में पहली बार उसने अपने दम पर सरकार बनाई थी।
मायावती को फिर से सत्ता दिला पाएगा बीएसपी का ब्राह्मण सम्मेलन?
- उत्तर प्रदेश
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- 27 Jul, 2021
2007 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को ख़ूब टिकट देने का दांव चल चुकी बीएसपी फिर से ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन कर रही है।

बीएसपी के अलावा एसपी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच भी ब्राह्मण वोटों को लेकर मारामारी मची हुई है और इस वजह से उत्तर प्रदेश की सियासत गर्म है।
पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी का प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा था और उसे 19 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन आज पार्टी के पास सिर्फ़ 7 विधायक ही बचे हैं। इसलिए बीएसपी की मुखिया मायावती इस बात को जानती हैं कि दलित-ब्राह्मण की सोशल इंजीनियरिंग पार्टी के लिए इस ख़राब वक़्त में कितनी ज़रूरी है।