बीएसपी में लगातार उथल-पुथल का दौर क्यों है? मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को लेकर बड़े फ़ैसले क्यों लिए? जानिए, इस फ़ैसले के पीछे के कारण और इसका उत्तर प्रदेश की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मायावती के ताजा कदम ने राजनीतिक दुनिया में हलचल मचा दी है, और एक बार फिर, उनके अप्रत्याशित फैसलों ने हर किसी को बात करने पर मजबूर कर दिया है। पिछले नौ महीनों में, बीएसपी सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि तीन बार कार्रवाई की है!
यूपी में जब मजबूत दलित नेतृत्व की जरूर महसूस की जा रही थी, ठीक उसी समय मायावती के राजनीतिक एक्शन ने लोगों को चौंका दिया। आकाश उम्मीद की किरण बनकर आए थे। मायावती ने उनका करियर तो खत्म कर दिया लेकिन खुद को बीएसपी को कहां पहुंचा दिया। पढ़िये राजनीतिक विश्लेषणः
मायावती और राहुल गांधी के बीच तीखी बयानबाजी ने सवाल खड़ा कर दिया है—बीजेपी की 'बी टीम' कौन है, कांग्रेस या बीएसपी? जानिए, इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
हरियाणा में एक भी सीट नहीं मिलने से आहत बहुजन समाज पार्टी ने अब कहा है कि वो भविष्य में किसी भी क्षेत्रीय दल से समझौता नहीं करेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने और भी बहुत कुछ कहा, जानिए उनकी राजनीतिः
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को निशाना बनाया है। यह नई बात नहीं है। मायावती के टारगेट पर तमाम विपक्षी दल और खासतौर पर कांग्रेस जरूर होते हैं। मायावती खुद विपक्ष में हैं लेकिन उनके निशाने पर केंद्र या यूपी सरकार बहुत नाममात्र को होती है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती रविवार को पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख आर्मस्ट्रांग को श्रद्धांजलि देने के लिए चेन्नई पहुंचीं। बसपा प्रदेश प्रमुख आर्मस्ट्रांग की शुक्रवार को पेरम्बूर में उनके घर के पास बाइक सवार गिरोह ने हत्या कर दी थी।
यूपी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और महाराष्ट्र में वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) दलित राजनीति का चेहरा बन गई थीं। लेकिन इस आम चुनाव में दोनों का सबसे बदतर प्रदर्शन रहा। इनके हारने और कमजोर होने से दलित राजनीति के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। इन्ही सवालों को तलाशती यह रिपोर्टः