उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने जाने-माने शायर मुनव्वर राणा को लेकर विवादित बयान दिया है। शुक्ला ने कहा है कि 1947 में जो मुसलमान इस साज़िश के तहत भारत में रुके थे कि भारत को फिर से बांटेंगे और इसके टुकड़े करेंगे, उन्हीं में से मुनव्वर राणा भी एक हैं।
शुक्ला ने आगे कहा कि मुनव्वर राणा और उनके परिवार के बयानों को हम जानते हैं और निश्चित रूप से वे लोग एनकाउंटर में मारे जाएंगे, जो भारतीयों के ख़िलाफ़ खड़े होंगे, चाहे फिर वे कोई भी हों।
वैसे, बीजेपी के किसी नेता की ओर से इस तरह का बयान आना कोई हैरानी पैदा नहीं करता है। क्योंकि गिरिराज सिंह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक तमाम नेता ऐसे हैं, जिन्होंने मुसलमानों को लेकर इस तरह के विवादित बयान दिए हैं।
यह नहीं कहा जा सकता कि शुक्ला ने यह बयान यूं ही दे दिया। उन्होंने यह बयान सोच-समझकर दिया होगा, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री के पद पर बैठा कोई शख़्स अनजाने में ऐसी बात नहीं कहेगा।
मुनव्वर राणा ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि अगर योगी आदित्यनाथ फिर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन जाते हैं तो वे इस राज्य को छोड़ देंगे। राणा के इस बयान को लेकर शुक्ला ने कहा कि जो लोग यह बात कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा, निश्चित रूप से ऐसा वक़्त उन सारे लोगों के लिए आ गया है जो देश को फिर से बांटने की साज़िश में शामिल थे।
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चादर चढ़ाने को बनाया मुद्दा
कुछ दिन पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी बहराइच जाकर सैयद सालार मसूद गाज़ी की मज़ार पर चादर क्या चढ़ा आए थे तब भी बीजेपी ने उनके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था।
यूपी सरकार के मंत्री अनिल राजभर सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि सैयद सालार गाज़ी की मज़ार पर चादर चढ़ाने से पूरे राजभर समाज का और महाराजा सुहेलदेव का अपमान हुआ है और यह राष्ट्रदोह से भी बढ़ा अपराध है।
चुनाव जब 6 महीने दूर रह जाते हैं तो सत्तारूढ़ दल के विधायकों-मंत्रियों से अपेक्षा की जाती है कि वे साढ़े चार साल में किए अपने कामों के बारे में जनता को बताएंगे। जो काम रह गया है, उसके लिए कोशिश करेंगे लेकिन उत्तर प्रदेश में उल्टी गंगा बहाई जा रही है।
यहां बात हो रही है एनकाउंटर में मारने की, हर मुद्दे पर हिंदू-मुसलमान की। इस तरह के बयान देने का मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ हिंदू मतों का ध्रुवीकरण करना है और जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उससे साफ लगता है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आने तक इस तरह के बयानों की बरसात होने वाली है।
योगी के ज़हरीले बयान
इसी तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर मुसलमान रहे थे। उन्होंने कई चुनावी सभाओं में कहा था कि मुसलमानों ने 1947 में पाकिस्तान नहीं जाकर भारत पर कोई अहसान नहीं किया है। योगी ने शाहीन बाग़ के आंदोलन को लेकर कहा था कि इस प्रदर्शन में वे लोग बैठे हैं जिनके पूर्वजों ने भारत के टुकड़े किये थे। योगी ने कहा था कि कश्मीर में आतंकवादियों का समर्थन करने वाले लोग शाहीन बाग़ में बैठे हैं।
गिरिराज सिंह का बयान
पिछले साल गिरिराज सिंह ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को 1947 में ही पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। उन्होंने कहा था, ‘राष्ट्र के प्रति समर्पित होने का समय आ गया है। 1947 से पहले हमारे पूर्वज देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे और जिन्ना भारत को इसलामिक स्टेट बनाने की योजना बना रहा था। यह बहुत बड़ी भूल हमारे पूर्वजों से हुई जिसका खामियाजा हम यहां भुगत रहे हैं।’
गिरिराज सिंह ने आगे कहा था, ‘अगर उस समय मुसलमान भाइयों को वहां भेज दिया गया होता तो आज यह नौबत ही नहीं आती।’
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