पिछले कई मौक़ों की तरह इस बार भी सोशल मीडिया पर एक ‘जमात’ खुलकर मोदी सरकार के बचाव में खड़ी हो गई है। इस ‘जमात’ में बीजेपी के नेता, दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाले और मीडिया का एक वर्ग शामिल है, जो कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे किसानों को खालिस्तानी बता रहा है।
अन्नदाताओं को खालिस्तानी बताने वालों के चेहरे ज़रूर पहचानिए!
- सोशल मीडिया
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- 28 Nov, 2020
पिछले कई मौक़ों की तरह इस बार भी सोशल मीडिया पर एक ‘जमात’ खुलकर मोदी सरकार के बचाव में खड़ी हो गई है।

ये वो वर्ग है जो मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले हर शख़्स को पाकिस्तान परस्त, देशद्रोही बताता है, यही काम इस वर्ग ने सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए आंदोलनों के दौरान किया और बिलकुल यही काम यह इस वक़्त कर रहा है।
ये तबक़ा ये भी भूल गया है कि वह इस बार उन किसानों को खालिस्तानी बताने पर तुला हुआ है, जिनके उपजाए अन्न को खाकर वह जिंदा है।