पिछले कई मौक़ों की तरह इस बार भी सोशल मीडिया पर एक ‘जमात’ खुलकर मोदी सरकार के बचाव में खड़ी हो गई है। इस ‘जमात’ में बीजेपी के नेता, दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाले और मीडिया का एक वर्ग शामिल है, जो कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे किसानों को खालिस्तानी बता रहा है।