पुलवामा में सीआरपीएफ़ काफ़िले पर आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ की बाढ़-सी ला दी गयी है। किसी में भावनाओं को कुरेदा जा रहा है तो किसी में मुसलिमों से हिंदुओं में डर दिखाया जा रहा है। किसी फ़ेक न्यूज़ में राहुल को आतंकियों के साथ तो किसी में श्रद्धांजलि सभा में प्रियंका को हँसते हुए बताया जा रहा है। फ़ोटोशॉप कर विदेश की तसवीरों और वीडियो को डरावना बता कर एक नैरेटिव गढ़ा जा रहा है। यहाँ सवाल उठता है कि क्या फ़ेक न्यूज़ गढ़कर देशभक्त और राष्ट्रवादी बना जा सकता है? यदि यह देशभक्ति नहीं है तो इसे कौन बना या बनवा रहा है? या फिर इससे किसे फ़ायदा होगा? चुनाव से पहले यह कहीं राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश तो नहीं है?