पुलवामा में सीआरपीएफ़ काफ़िले पर आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ की बाढ़-सी ला दी गयी है। किसी में भावनाओं को कुरेदा जा रहा है तो किसी में मुसलिमों से हिंदुओं में डर दिखाया जा रहा है। किसी फ़ेक न्यूज़ में राहुल को आतंकियों के साथ तो किसी में श्रद्धांजलि सभा में प्रियंका को हँसते हुए बताया जा रहा है। फ़ोटोशॉप कर विदेश की तसवीरों और वीडियो को डरावना बता कर एक नैरेटिव गढ़ा जा रहा है। यहाँ सवाल उठता है कि क्या फ़ेक न्यूज़ गढ़कर देशभक्त और राष्ट्रवादी बना जा सकता है? यदि यह देशभक्ति नहीं है तो इसे कौन बना या बनवा रहा है? या फिर इससे किसे फ़ायदा होगा? चुनाव से पहले यह कहीं राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश तो नहीं है?
क्या पुलवामा हमले पर फ़ेक न्यूज़ गढ़कर लड़ा जाएगा चुनाव?
- सोशल मीडिया
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- 19 Feb, 2019
पुलवामा में सीआरपीएफ़ काफ़िले पर आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ की बाढ़-सी ला दी गयी है। यहाँ सवाल उठता है कि चुनाव से पहले यह कहीं राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश तो नहीं है?

इन सवालों का जवाब भी सोशल मीडिया पर ही मिल जाता है। फ़ेक न्यूज़ का भंडाफोड़ करने वाली ख़बरों को ट्वीट करते हुए कपिल नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'इन ट्वीट की शृंखला को देखें कि कैसे बीजेपी सोशल मीडिया और फ़ेक न्यूज़ गढ़ने वाली टीमें पुलवामा हमले को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।' फ़ेक न्यूज़ का भंडाफोड़ करने वाली 'बूम लाइव वेबसाइट' की ऐसी ख़बरों से भी कुछ ऐसे ही संकेत मिलते हैं। वेबसाइट ने पुलवामा हमले के बाद वीडियो, तसवीरों और टेक्स्ट मैसेज वाली कई फ़ेक न्यूज़ का भंडाफोड़ किया है।