माई फ्रेंड मिस्टर ट्रम्प,वैसे तो हम आपसे कभी मिले नहीं। 2019 में आए थे अमेरिका लेकिन कुछ तो हमारा शिड्यूल टाइट था और कुछ बिना बुलाए मेहमान बनना ठीक नहीं लगा। फिर भी जब आपसे चार साल छोटे नरेंद्र भाई आपको ‘फ्रेंड’ कह सकते हैं तो आपसे चार साल बड़े हम भी आपको फ्रेंड कह सकते हैं। आपने बाइडेन को बूढ़ा कहकर मज़ाक बनाया। वैसे 78 और 81 में कोई खास अंतर नहीं होता। अगर आप चाहते तो अपने कार्यकाल में ही 75 साल का नियम बनाकर आडवाणी जी की तरह बाइडेन को चुनाव से पहले ही बरामदे में बैठा सकते थे लेकिन मोदी जी की तरह आपको आइडिया ही नहीं आया।अब हम बता रहे हैं तो आप 78 के हो गए। लेकिन नियम दूसरों के लिए बनाए जाते हैं अपने लिए नहीं जैसे कि मोदी जी के बारे 75 का नियम लागू नहीं होगा। अब तो वे 75 से 100 तक का एजेंडा घोषित कर चुके हैं जब वे भारत को नंबर 1 बना चुके होंगे।
पीएम मोदी की तरह ट्रम्प को आइडिया ही नहीं आया?
- व्यंग्य
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- रमेश जोशी
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- 31 Aug, 2024

रमेश जोशी
जब डोनल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी ख़ूब जमती थी। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का प्रचार भी किया था। तो क्या अब ऐसा नहीं हो सकता कि एक-दूसरे के वे काम आएँ। पढ़िए, इस पर रमेश जोशी का व्यंग्य।
हमारे यहाँ तो एक बार ‘अबकी बार मोदी सरकार’ चल गया लेकिन आप इस मंत्र की ढंग से साधना नहीं कर सके तो मंत्र ने काम नहीं किया। कमजोर तो हमारे यहाँ भी हो गया। 400 पार के नारे के साथ चले थे लेकिन रह गए 240 और वह भी तरह तरह के धत कर्म करने के बाद। लेकिन कोई बात नहीं, देश को नंबर 1 बनाने के लिए इतना भी कम नहीं है। इरादे पक्के हों तो वैशाखी के सहारे भी मैराथन दौड़ी जा सकती है। ब्लेड रनर तो आपको याद ही होगा।