जब आप अपना कर्तव्य नहीं करते तो किसी भी आलोचना से बचने का सबसे सरल तरीका यही है कि जिसके लिए आपने अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं किया, उसके ओंठ खोलने से पहले ही आप कोई सम्बद्ध-असम्बद्ध प्रश्न कर दें तो फिर सामने वाला अपना प्रश्न या शिकायत भूलकर जवाब ढूँढ़ने में ही लग जाएगा। जैसे कि जब कोई यह शिकायत करने आये कि बिल समय पर जमा कराते रहने पर भी हमारे यहां पानी क्यों नहीं आ रहा है ? तो उसकी बात का उत्तर देने की बजाय उसी से प्रश्न कर दें कि जब देश का विभाजन हुआ तब तू क्या कर रहा था ? या जब गाँधी जी की हत्या हुई तब तू क्या कर रहा था ?