समस्या दुर्भाव से होती है। जब मन में सद्भाव हो, सहभाव हो तो कोई समस्या नहीं होती। जीव का मन सहज संवाद का अभिलाषी होता है। वह संवाद का कोई न कोई साधन खोज ही लेता है।