मेरे प्यारे हिन्दी मीडियम के युवाओं,
धार्मिक जुलूस में गालियाँ देने वालों को रवीश कुमार का प्रशंसा-पत्र!
- व्यंग्य
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- 14 Apr, 2022

धार्मिक शोभायात्राओं में नफ़रती भाषा और मुसलिम विरोधी नारों पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। रवीश कुमार ने ऐसी ही एक शोभायात्रा में मुसलिमों के ख़िलाफ़ गालियाँ देने वालों के नाम ख़त लिखा है। पढ़िए उनके शब्दों में ही....
धार्मिक जुलूस में आपको उलछते-कूदते देख अच्छा लग रहा है। जिस हिन्दी भाषी समाज ने आप हिन्दी मीडियम वालों को किनारे सरका दिया था, उस समाज की मुख्यधारा में आप लौट आए हैं। क्या शानदार वापसी की है। एक रंग की पोशाक पहन ली है, हाथों में तलवारें हैं, ज़ुबान पर गालियां हैं। जुलूस का नाम रामनवमी की शोभा यात्रा है। अशोभनीय हरकतों को आप लोगों ने आज के दौर में सुशोभित कर दिया। आपकी इस कामयाबी को मैंने कई वीडियो में देखा तब जाकर सारी शंकाएं दूर हो गईं कि ये वही हैं, हमेशा फेल माने जाने वाले हिन्दी मीडियम के युवा, जिन्हें समाज ने तिरस्कार दिया, आज धर्म रक्षक बनकर लौट आए हैं। इनके समर्थन में पूरा समाज खड़ा है। सरकार भी है।
मैं दावे के साथ नहीं कह सकता कि उन वीडियो में कोई डीपीएस या श्रीराम स्कूल जैसे महंगे पब्लिक स्कूलों के बच्चे भी रहे होंगे लेकिन देखने से तो यही लगा कि ज़्यादातर वही होंगे जो गणित और अंग्रेज़ी से परेशान रहते हैं। जिन्हें हिन्दी भी ठीक से लिखनी नहीं आती मगर गाली देने आती है। मैंने कई वीडियो में गालियों के उच्चारण सुने। एकदम ब्रॉडकास्ट क्वालिटी का उच्चारण था और ब्रॉडकास्ट हो भी रहा था। जिस समाज में उदारता कूट कूट कर भरी होती है उस समाज में उच्चारण भी कूट-कूटा कर साफ़ हो जाता है।
रवीश कुमार एनडीटीवी में वरिष्ठ पत्रकार हैं। वह देश-दुनिया से जुड़े विषयों पर अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं।