हैदराबाद बलात्कार-हत्या और मुठभेड़ कांड के बाद देश में अपराध और सज़ा का एक ‘खास विचार’ धड़ल्ले से प्रचारित किया जा रहा है। इस विचार के प्रचार-प्रसार में मंत्री से संतरी, संपादक से सांसद और आम लोग तक शामिल दिख रहे हैं। अब से सात साल पहले दिल्ली के  निर्भया-कांड के समय भी इस तरह के विचार आए थे।