इसे दिलचस्प संयोग कहें या विडम्बना कि देश के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान- जेएनयू को बर्बाद करने पर आमादा मौजूदा सरकार के दो बड़े कैबिनेट मंत्री जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व-छात्र (Alumni) हैं। देश के विदेशमंत्री और वित्तमंत्री, दोनों जेएनयू के पढ़े हैं और दोनों ही अपने छात्र-जीवन में आरएसएस-बीजेपी या उनके विवादास्पद छात्र संगठन-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य नहीं रहे। विदेशमंत्री एस जयशंकर जेएनयू के छात्र के तौर पर इन पंक्तियों के लेखक से कुछ वर्ष सीनियर थे। कैंपस में हमारा उनसे परिचय नहीं हुआ क्योंकि हमारे प्रवेश के साल भर पहले ही वह विदेश सेवा में दाखिल हो चुके थे। निर्मला सीतारमण कुछेक साल मुझसे जूनियर थीं।