An asset - r u joking ?
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) March 14, 2022
Thank God he wasn’t declared a
‘National Treasure'
at CWC by the 'Pbi' lady who proposed him as CM in first place
May be an asset for her but for the party he has been only a liability. Not the top brass,but his own greed pulled him and the party down pic.twitter.com/Lnf6vJgRzF
हालाँकि, पंजाब में चन्नी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उतारने का कांग्रेस का फैसला पार्टी को भारी पड़ा, क्योंकि चन्नी अपनी दोनों सीटों - चमकौर साहिब और भदौर - को आम आदमी पार्टी से हार गये। पार्टी कम से कम एक सीट पर चन्नी की जीत देखना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सुनील जाखड़ इससे पहले भी पार्टी पर हमले करते रहे हैं। चुनाव के दौरान जाखड़ का एक विस्फोटक वीडियो सामने आया था। जाखड़ उस वायरल वीडियो में कुछ लोगों को संबोधित कर रहे हैं। जाखड़ कहते हैं कि उन्हें 42 विधायकों ने मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन दिया था जबकि 16 विधायक उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के, 12 विधायक महारानी परनीत कौर के, 6 नवजोत सिंह सिद्धू और 2 विधायक चरणजीत सिंह चन्नी के पक्ष में थे।जाखड़ पिछले साल के उस वक्त की बात कर रहे थे जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के पद से हट गए थे और आलाकमान नए मुख्यमंत्री के नाम का चुनाव कर रहा था।
उस वक्त सुनील जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे चल रहा था लेकिन यह खबर आई थी कि वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि पंजाब में मुख्यमंत्री सिख समुदाय से ही होना चाहिए। खुद अंबिका सोनी का नाम भी इस पद के लिए आगे था। एक बार तो सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम का एलान पार्टी करने ही वाली थी लेकिन अंत समय में कांग्रेस हाईकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लगा दी।
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