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राजस्थान के दौसा में चुनावी सभा को संबोधित करती प्रियंका गांधी

पुरानी पेंशन योजना पर भाजपा क्यों चुप हैः प्रियंका गांधी 

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को दौसा पहुंची। यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। 
प्रियंका गांधी कांग्रेस की स्टार प्रचारक हैं। उन्होंने शुक्रवार की इस चुनावी सभा के साथ ही राजस्थान में पार्टी के कैंपेन को तेज कर दिया है। राजस्थान कांग्रेस ने जोरशोर से अपना कैंपेन शुरु कर दिया है। 
पार्टी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चेहरे के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है। चुनावी कैंपेन में राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट भी पार्टी के साथ दिख रहे हैं। 
शुक्रवार को दौसा आयी प्रियंका गांधी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू कर सकती है तो भाजपा इस मुद्दे पर चुप क्यों है ? 
उन्होंने कहा कि आप यह देखकर वोट दीजिए कि कांग्रेस सरकार ने आपके लिए कितना काम किया है, कितनी योजनाएं लेकर आई है। आपके जीवन में तरक्की लाने के लिए जो सरकार दिन-रात काम कर, उसे वोट दो, कांग्रेस को वोट दो। राजस्थान का रिवाज बदल डालो, इस बार फिर से कांग्रेस को लाओ।
राजस्थान में भाजपा बिखरी हुई है, हर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी यहां आकर कहते हैं कि आप मेरे नाम पर वोट डाल‍िए। प्रियंका ने कहा, उनसे पूछ‍िए कि, क्‍या प्रधानमंत्री का पद छोड़कर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री बनने वाले हैं? 
कांग्रेस पिछले कुछ समय से लगातार भाजपा को इस बात के लिए घेर रही है कि उसने अब तक मुख्यमंत्री का अपना चेहरा घोषित नहीं किया है। भाजपा अब राजस्थान में पीएम मोदी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। 
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लिफाफा खोला तो उसमें 21 रुपए निकले

प्रियंका गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने टीवी पर देखा, पता नहीं सच है कि नहीं, देवनारायण जी के मंदिर में कुछ समय पहले प्रधानमंत्री गए थे और एक लिफाफा डाल आए थे। 
मैंने टीवी पर देखा कि 6 महीने बाद प्रधानमंत्री जी की ओर से दिया लिफाफा खोला गया, जनता सोच रही थी कि भगवान जाने क्या होगा इस लिफाफे में? देश के इतने बड़े नेता आए थे, वह लिफाफा डालकर गए थे।लिफाफा खोला तो उसमें 21 रुपए निकले। 
अब आप मुझे बताइए एक तरह से देश में यही हो रहा है। बड़ी-बड़ी घोषणाएं हो रही हैं, मंच पर खड़े होकर कैसे-कैसे लिफाफे दिखाए जा रहे हैं। जब आप उन लिफाफों को खोलते हैं, जब चुनाव खत्म हो जाता है और बारी आती है कि काम करके दिखाओ तो कुछ नहीं होता। 
प्रियंका गांधी ने कहा कि तेलंगाना में भाजपा के नेता घबराए हुए हैं। फोन करके कह रहे हैं कि हमें कांग्रेस में शामिल कर लो। हम कह रहे हैं नहीं। 
उन्होंने आरोप लगाया कि  भाजपा नेता अपने और अपने उद्योगपति म‍ित्रों के ल‍िए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने ल‍िए 8 हजार करोड़ का हवाई जहाज खरीदते हैं, लेक‍िन क‍िसानों का कर्ज माफ करने के ल‍िए उनके पास पैसा नहीं है।
 27 हजार करोड़ की इमारत बनवाने के ल‍िए पैसा है, लेक‍िन पुरानी पेंशन के ल‍िए पैसा नहीं है। प्रियंका गांधी ने कहा कि आपके प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। अगर आप प‍िछले 5 साल की सरकार का काम देखेंगे तो आप यह पाएंगे क‍ि कांग्रेस सरकार ने आपके जीवन को मजबूत करने का काम क‍िया है।
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राजस्थान में अब तक नहीं जारी हुई कांग्रेस की सूची 

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां एक ओर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतर सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, वहीं राजस्थान में मामला फंसता दिख रहा है। बुधवार को ही राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की सूची आनी थी लेकिन शाम तक इसे जारी नहीं किया गया। 

सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की विधानसभा सूची मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन करीबियों के कारण फंसी है। सूत्र बताते हैं कि राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से 100 पर नाम तय किए जा चुके हैं। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीन वफादारों पर कांग्रेस पार्टी में विवाद चल रहा है। ये वही तीन नेता हैं जिन्हें पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। ये तीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कितने करीब हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इनमें से दो मंत्री हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीन वफादारों में शांति धारीवाल, महेश जोशी और राजस्थान के टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ शामिल हैं। 

सूत्र बताते हैं कि बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 100 सीटों पर नाम तय कर दिए गए थे और इन नामों की पहली सूची जारी की जा सकती थी। 

इस बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीनों करीबियों के खिलाफ रिपोर्ट आई है। इसके कारण समिति इन्हें टिकट देने को तैयार नहीं थी। वहीं इन तीनों के खिलाफ रिपोर्ट होने के बावजूदअशोक गहलोत ने इन्हें टिकट देने की इच्छा जताई है। अशोक गहलोत की इस इच्छा से पार्टी सहमत नहीं थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तीनों के नाम पेंडिंग में चल रहे हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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