राजस्थान में अपनी सरकार बचाने की कोशिशों में जुटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जोरदार झटका दिया है। बीएसपी ने राजस्थान में उसके टिकट पर जीते 6 विधायकों को रविवार रात को व्हिप जारी किया है।
इसमें कहा गया है- विधायकों को निर्देश दिया जाता है कि वे विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव या अन्य किसी प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस पार्टी के ख़िलाफ़ वोट करें और अगर विधायक ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। यह व्हिप पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा के द्वारा जारी किया गया है।
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इन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद 200 सदस्यों वाली राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 107 हो गयी थी।
विलय मान्य नहीं
इसके अलावा विधायकों को अलग से नोटिस भी भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि चूंकि बीएसपी राष्ट्रीय पार्टी है, इसलिए संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत राज्य स्तर पर पार्टी का विलय नहीं हो सकता है। नोटिस में कहा गया है कि यह विलय सुप्रीम कोर्ट के भी कई फ़ैसलों के ख़िलाफ़ है।
हाई कोर्ट पहुंची बीएसपी
नोटिस में कहा गया है कि ये सभी विधायक पार्टी के द्वारा जारी किए गए व्हिप का पालन करने के लिए बाध्य हैं। बीएसपी ने नोटिस में कहा है कि वह राजस्थान हाई कोर्ट में इन विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर चल रही सुनवाई में भी दखल देगी और अलग से याचिका भी दायर करेगी। सोमवार सुबह बीएसपी हाई कोर्ट पहुंच गयी है।
बता दें कि राजस्थान हाई कोर्ट में बीजेपी नेता मदन दिलावर की ओर से भी बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय को रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।
याचिका में दिलावर ने राजस्थान के स्पीकर के बीएसपी विधायकों को लेकर उनकी ओर से दायर प्रार्थनापत्र को रद्द किए जाने का जिक्र किया है। दिलावर ने कहा है कि उनके प्रार्थनापत्र को तो स्पीकर ने बिना सुनवाई के ही रद्द कर दिया और कांग्रेस के 19 बाग़ी विधायकों को नोटिस जारी कर दिया।
राजस्थान के सियासी संकट में बीएसपी प्रमुख का यह दांव कांग्रेस को कितना भारी पड़ेगा, इसके लिए सभी की निगाहें अदालत की ओर टिकी हुई हैं।
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