बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रवाद और देशभक्ति के नारे को अशोक गहलोत सरकार ने वीर सावरकर पर वार कर झूठा साबित करने की कोशिश की है। अशोक गहलोत ने बीजेपी के हथियार से ही उस पर वार किया है। अब तक सावरकर को राजस्थान में छात्रों को वीर, देशभक्त और क्रांतिकारी बताकर पढ़ाया जा रहा था। लेकिन गहलोत सरकार अब पढ़ाएगी कि सावरकर न वीर थे, न देशभक्त और न ही भारत माता के सच्चे बेटे। सरकार यह भी पढ़ाएगी कि जेल की पीड़ा से घबराकर सावरकर ने अंग्रेजों से रिहाई की भीख माँगी थी और जेल से आज़ादी के बदले अंग्रेजों की ग़ुलामी स्वीकार की थी।