लगता है कि राजस्थान में राजनीतिक संकट अब अशोक गहलोत और सचिन पायलट से शिफ़्ट होकर गहलोत सरकार और राज्यपाल के बीच हो गया है। विधानसभा सत्र बुलाए जाने के गहलोत सरकार के दूसरे प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक गहमागहमी और बढ़ गई। दरअसल, यह गहमागहमी इस प्रस्ताव को खारिज किए जाने के कारणों को लेकर बढ़ी है। राज्यपाल ने बयान जारी कर कहा है कि सैद्धांतिक रूप से वह विधानसभा सत्र बुलाए जाने के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने कोरोना संकट का ज़िक्र करते हुए तीन शर्तें रखी दीं। इन शर्तों के अनुसार विधानसभा सत्र तीन हफ़्ते तक नहीं बुलाया जा सकता है। अब ज़ाहिर है गहलोत सरकार को यह पसंद नहीं आएगा क्योंकि उन्हें फ़्लोर टेस्ट कर छह माह के लिए सरकार को सुरक्षित करना है।
गहलोत के प्रस्ताव को खारिज कर राज्यपाल ने क्यों कहा- विधानसभा सत्र का विरोधी नहीं
- राजस्थान
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- 27 Jul, 2020
विधानसभा सत्र बुलाए जाने के गहलोत सरकार के दूसरे प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्रा द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक गहमागहमी और बढ़ गई।
