राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी के विमोचन को लेकर अजीब वाकया हुआ। राज्यपाल का 1 जुलाई को जन्मदिन पर उनकी जीवनी 'निमित्त मात्र हूँ मैं' के विमोचन के लिए कई अन्य अतिथियों के साथ राज्य के सभी 27 विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (वीसी) यानी कुलपतियों को भी आमंत्रित किया गया था। कुलपतियों की राज्यपाल के साथ बैठक हुई। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार ये कुलपति बैठक में शामिल होकर जब अपनी गड़ी में लौटे तो वहाँ दो कार्टन में भरी किताबें रखी हुई थीं और इसके साथ बिल भी थे। ये किताबें कुछ और नहीं बल्कि राज्यपाल की जीवनी की ही 19 प्रतिलिपियाँ थीं। और इनके लिए 68 हज़ार 383 रुपये का बिल था। इसमें एक मुफ़्त में अतिरिक्त कॉपी भी थी।
गए थे विमोचन में, कुलपतियों को राज्यपाल की जीवनी साथ बिल भी भेजा!
- राजस्थान
- |
- 4 Jul, 2021
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी के विमोचन को लेकर अजीब वाकया हुआ। वे राज्यपाल की जीवनी के विमोचन में गए थे लेकिन वीसी को किताबों संग बिल थमाया दिया गया।

कलराज मिश्र की इस जीवनी में लिखा गया है कि वह आरएसएस से लंबे समय तक जुड़े रहे और फिर जन संघ और बीजेपी से जुड़ गए। इसकी प्रस्तावना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की है। और इसके पीछे के कवर पन्ने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पू्र्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संक्षिप्त समीक्षा है।