पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ ले ली। 45 वर्षीय धामी राज्य में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। देहरादून में राज भवन में हुए हुए शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत और दूसरे बीजेपी नेता भी शामिल हुए।
धामी राज्य में चार महीने में तीसरे ऐसे बीजेपी नेता हैं जो मुख्यमंत्री बने हैं। वह राज्य के 11वें मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्होंने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन उन्हें इसी हफ़्ते इस्तीफ़ा देना पड़ा था। तीरथ सिंह रावत के इस्तीफ़े के बाद शनिवार को ही देहरादून में बीजेपी विधायक दल की बैठक में धामी को नए मुख्यमंत्री का चुनाव किया गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद धामी पार्टी के नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे और उन्हें इस संबंध में पत्र सौंपा था।
मुख्यमंत्री के साथ कुल 11 मंत्रियों ने शपथ ली है। धामी के बाद दूसरे नंबर पर शपथ लेने वाले में सतपाल महाराज थे। उनके साथ ही धन सिंह रावत, रेखा आर्या, यतीश्वरानंद, बिशन सिंह चुफल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे और गनेश जोशी ने भी शपथ ली है।
उत्तराखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दी गई जिम्मेदारी लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi , पार्टी अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री @AmitShah जी और राष्ट्रीय नेतृत्व व प्रदेश नेतृत्व का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं। pic.twitter.com/sWU4ofkUbz
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 4, 2021
उनके शपथ लेते ही बीजेपी के कद्दावर नेता और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धामी के मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जताई है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर श्री पुष्कर सिंह धामी को हार्दिक बधाई। युवा एवं बेहद ऊर्जावान धामीजी के नेतृत्व में प्रदेश विकास और सुशासन के पथ पर आगे बढ़ेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। मैं उन्हें उनके सफल कार्यकाल की शुभकामनाएँ देता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 4, 2021
जब से मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी का नाम आया है तब से पार्टी में विरोध के स्वर की ख़बरें भी आ रही हैं। कई विधायकों के नाराज़ होने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि इसमें वे नेता नाराज़ हैं जो पार्टी में वरिष्ठ हैं। एक रिपोर्ट में तो कहा गया है कि पिछली तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री इस फ़ैसले से असहमत बताए जा रहे हैं। हालाँकि, बीजेपी के नेताओं इन ख़बरों को खारिज किया है और कहा है कि बीजेपी के सभी विधायक एकजुट हैं।
पहले जब नये मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हुआ था तब रिपोर्टों में कहा जा था कि नए मुख्यमंत्री के लिए त्रिवेंद्र और तीरथ सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे सतपाल महाराज व डॉ. हरक सिंह रावत के नाम भी चर्चा में थे। यानी इन दोनों नेताओं की भी कुछ न कुछ उम्मीदें तो होंगी ही। सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत राज्य में कद्दावर नेता माने जाते हैं। सतपाल महाराज केंद्र में राज्य मंत्री रह चुके हैं, जबकि हरक सिंह रावत अविभाजित उत्तर प्रदेश में भी कैबिनेट मंत्री रहे थे। 'दैनिक जागरण' की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'विधायक दल की बैठक ख़त्म होने के तुरंत बाद ये (सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत) प्रदेश बीजेपी कार्यालय से चले गए। इसे नेता चयन के मामले में नाराज़गी से जोड़कर देखा गया।'
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