राजस्थान में एक दलित युवक को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर फेसबुक पर पोस्ट करना भारी पड़ गया। दलित युवक का नाम राजेश कुमार मेघवाल है और उसने 18 मार्च को फेसबुक पर फिल्म को लेकर एक टिप्पणी की थी।
मेघवाल ने लिखा था, "मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा। इस फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार को दिखाया गया है और इसे टैक्स फ्री किया गया है। यह ठीक है लेकिन दलितों और दूसरे समुदायों के खिलाफ भी अत्याचार होते हैं तो ऐसे में जय भीम जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया जाता।"
32 साल के मेघवाल अलवर जिले के गोकलपुर गांव के रहने वाले हैं।
मेघवाल ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि फेसबुक पर यह लिखने के बाद कुछ लोगों ने उनकी पोस्ट पर धार्मिक नारे लिखे, उन्हें धमकियां मिली और उनसे माफी मांगने के लिए कहा गया।
मेघवाल ने कहा कि गांव वालों और एक पूर्व सरपंच ने उन पर गांव के मंदिर में माफी मांगने के लिए दबाव बनाया। मेघवाल ने कहा कि उनसे धक्का-मुक्की की गई और जबरन मंदिर के फर्श पर नाक रगड़वाई जबकि गांव के लोगों ने उन्हें भरोसा दिया था कि उनके साथ ऐसा कुछ नहीं किया जाएगा।
कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर इन दिनों जबरदस्त चर्चा है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस हो रही है।
मेघवाल की शिकायत पर बहरोड़ पुलिस स्टेशन में एससी एसटी एक्ट व कई अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इसमें 11 लोगों को नामजद किया गया है। इसमें से 7 लोगों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
मेघवाल ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि वह एफआईआर दर्ज कराने के बाद से बेहद दबाव में हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम अजय कुमार शर्मा, संजीव कुमार, हेमंत शर्मा, प्रवीण कुमार, राम अवतार, नितिन जांगिड़ और दयाराम हैं।
बहरोड़ के सीओ रामानंद ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच की जा रही है।
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