राजस्थान का संघर्ष थमता नजर नहीं आ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सचिन पायलट का नाम लिए बिना फिर से निशाना साधा। गहलोत ने यह भी कहा कि मैंने अजय माकन को चुनौती दी थी कि राजस्थान में सर्वे करा लो, कौन रिपीट करेगा। सारी हकीकत सामने आ जाएगी। जाहिर है कि सचिन पायलट या उनका गुट अब इस पर जरूर प्रतिक्रिया देगा। गहलोत रविवार 2 अक्टूबर को जयपुर में गांधी सर्कल पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल अर्पित करने पहुंचे तो वहां मीडिया ने उन पर राजनीतिक सवालों की बौछार कर दी। उसके जवाब में उन्होंने जो कहा, उससे पता चलता है कि राजस्थान में खेल अभी निपटा नहीं है।
राजस्थान पत्रिका, इंडिया टुडे और राजस्थान के लोकल मीडिया के मुताबिक गहलोत ने सवालों के जवाब में कटाक्ष किया कि कांग्रेस विधायकों ने सोचा कि "दूसरों" को स्वीकार करने की तुलना में बगावत करना बेहतर है क्योंकि कुछ विधायक "अमित शाह, जफर इस्लाम और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठे थे।" उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से यह कहना चाहा कि सचिन पायलट खेमे के कुछ विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में थे।
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विधायकों ने सोचा कि दूसरों को स्वीकार करने से बगावत करना बेहतर है। सभी जानते हैं कि कुछ विधायक अमित शाह, जफर इस्लाम और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठे थे। सभी जानते हैं कि बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही थी। हमारे विधायक चाहते हैं कि सरकार पांच साल पूरे करे। हम दूसरों के साथ नहीं बैठ सकते। बीजेपी के साथ बैठने वालों को हम कैसे स्वीकार कर लें।
- अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान, 2 अक्टूबर को जयपुर में
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