कांग्रेस ने रविवार को लगातार दूसरे दिन राजस्थान के लिए दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें 43 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इसने शनिवार को अपने 33 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के नाम शामिल थे।
कांग्रेस द्वारा रविवार को जारी दूसरी सूची में प्रमुख नामों में केकड़ी निर्वाचन क्षेत्र से रघु शर्मा, सिविल लाइंस से प्रताप खाचरियावास, डीग-कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह, बीकानेर पश्चिम से बीडी कल्ला जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को सोजत सीट से मैदान में उतारा है। उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी सहयोगी माना जाता है। दूसरी सूची में पार्टी के वरिष्ठ नेता गोविंद राम मेघवाल और प्रसादी लाल मीना भी शामिल हैं।
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव, 2023 के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची। pic.twitter.com/NKPoQg0KPi
— Congress (@INCIndia) October 22, 2023
अशोक गहलोत के वफादार बाबू लाल नागर को दूदू निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया। उन्होंने पिछला चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ा था और अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के गठन में मदद की।
राजस्थान के कुछ मौजूदा मंत्री हैं जिन्हें उम्मीदवारों की दूसरी सूची में जगह मिली है। इनमें सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, विश्वेंद्र सिंह डीग के अलावा खाजूवाला से गोविंद राम मेघवाल, लोलसोट से परसादी लाल मीणा, निंबाहेड़ा से उदय लाल अंजना, बानसूर से शकुंतला रावत, सांचौर से सुखराम विश्नोई, मांडल से रामलाल जाट और अंता से प्रमोद जैन भाया आदि शामिल हैं।
कांग्रेस के अनिल शर्मा सदरशहर से, जुबेर खान रामगढ़ से, मुरारी लाल मीना दौसा से चुनाव लड़ेंगे।
राजस्थान में 25 नवंबर को एक चरण में मतदान होगा। मतगणना 3 दिसंबर को होगी। आगामी चुनाव कांग्रेस के लिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी राज्य में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखना चाहती है। लेकिन कई कयास लगाए गए कि गहलोत और पायलट के बीच असहमति से जटिल होने की संभावना है। इसको लेकर लगातार ख़बरें आती रहीं कि कुछ इन्हीं वजहों से कांग्रेस की सूची आने में देरी हुई। उम्मीदवारों की सूची आने में देरी पर उठते सवालों के बीच अशोक गहलोत ने गुरुवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत से जब पूछा गया कि टिकट में देरी की वजह क्या है तो उन्होंने उन खबरों का खंडन किया, जिनमें सचिन पायलट के साथ उनके मतभेद के लिए टिकट वितरण में देरी को जिम्मेदार ठहराया गया था। उन्होंने कहा कि कोई मतभेद नहीं है।
गहलोत ने दावा किया कि उन्होंने एक भी उम्मीदवार की उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया है और सचिन पायलट के समर्थकों के पक्ष में वह फ़ैसले ले रहे हैं।
गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'चयन प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का दर्द यह है कि कांग्रेस पार्टी में मतभेद क्यों नहीं हैं। मुझे यकीन है कि आप सचिन पायलट के बारे में बात कर रहे हैं। सभी फैसले सबकी राय से हो रहे हैं। मैं सचिन के फैसलों में हिस्सा ले रहा हूं।' पायलट के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम सभी एकजुट हैं। मैंने किसी भी एक उम्मीदवार का विरोध नहीं किया है।' सचिन पायलट ने भी कहा कि उनके बीच में कोई मतभेद नहीं हैं और उन्होंने किसी की भी उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया है।
हालाँकि, दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में कई कोशिशों के बाद दोनों वरिष्ठ नेता सुलह की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं।
इसी बीच कांग्रेस ने शनिवार को 33 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। सीएम अशोक गहलोत सदरपुरा से, सचिन पायलट टोंक से, सीपी जोशी नाथद्वारा से, दिव्या मदेरणा ओसियां से, गोविंद सिंह डोटासरा लछमनगढ़ से, कृष्णा पूनिया सादुलपुर से चुनाव लड़ेंगी। पहली सूची को लेकर कोई विवाद अभी तक सामने नहीं आया है। 33 नामों में से 29 मौजूदा विधायकों के हैं। शेष चार ने 2018 में उन्हीं सीटों से चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा से हार गए थे।
कांग्रेस की पहली सूची भाजपा की सूची आने के दस दिनों बाद आई है।
ऐसा नहीं है कि पहली सूची में आलाकमान ने सचिन पायलट को नजरन्दाज किया है। इस सूची में इंद्राज गुर्जर, मुकेश भाकर और रामनिवास गावरिया जैसे कई पायलट वफादार हैं। इनके अलावा आरक्षित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सीटों से चार-चार उम्मीदवार हैं।
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