राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों दिल्ली में हैं और पहले उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात कर राजस्थान का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। राजे के तेवरों के बाद दिल्ली से लेकर राजस्थान तक सवाल यह पूछा जा रहा है कि नाराज़ महारानी क्या कोई बड़ा क़दम उठाने जा रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें महारानी के अगले क़दम पर टिकी हैं।
वसुंधरा ने बढ़ाया राजस्थान का सियासी तापमान, अगले क़दम पर टिकी निगाहें
- राजस्थान
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- 6 Aug, 2020

पिछले दो दशक से वसुंधरा राजे ने राजस्थान बीजेपी की राजनीति में अपना खूंटा मजबूती से गाड़ रखा है। इन सालों में या तो राजे मुख्यमंत्री रहीं या फिर नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर भी वही व्यक्ति बैठा जिसे उनका समर्थन हासिल रहा हो। लेकिन इस बार लगता है कि मोदी-शाह की जोड़ी ने पूनिया, शेखावत और राठौड़ को आगे लाकर राजे को हटाने की पूरी कोशिश की है। पिछले कई मौक़ों पर मोदी-शाह को नाकों चने चबवा चुकीं राजे ने इस बार फिर पूरे तेवरों के साथ दिल्ली में जोरदार दस्तक दी है।
इस बार राजे की नाराजगी की वजह है राजस्थान बीजेपी की ओर से जारी की गई प्रदेश पदाधिकारियों की ताज़ा सूची। बताया गया है कि इस सूची में वसुधरा के क़रीबियों को बहुत कम जगह मिली है और विरोधियों को बड़े पदों पर नियुक्त किया गया है।
दिया को प्रदेश महामंत्री बनाना
जयपुर के राजघराने की पूर्व राजकुमारी दिया कुमारी और विधायक मदन दिलावर को प्रदेश महामंत्री बनाए जाने से राजे ख़ुश नहीं हैं। राजस्थान की राजनीति में यह कहा जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान दिया कुमारी को राजे का विकल्प बनाना चाहता है और इस बात को राजे बख़ूबी जानती हैं। यहां दिलचस्प तथ्य यह है कि राजे ने ही दिया कुमारी को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। दिया पिछले चुनाव में राजसंमद से सांसद चुनी गई थीं।