कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद यह वैरिएंट अब राजस्थान पहुंच गया है। राजस्थान के जयपुर में इस वैरिएंट से संक्रमण के 9 मामले मिले हैं। इस तरह देश में अब तक कुल मामलों की संख्या 21 हो गई है।
अब तक दिल्ली-गुजरात में एक-एक, कर्नाटक में दो, महाराष्ट्र में आठ और राजस्थान में नौ मामले मिल चुके हैं।
राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि जयपुर में संक्रमित मिले नौ लोगों ने 28 नवंबर को एक शादी समारोह में शिरकत की थी। इन लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया तो इनके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की बात सामने आई।
इन नौ लोगों में से चार लोग कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका से आए थे। इनका शादी समारोह में शिरकत करना चिंताजनक बात है क्योंकि वहां यह वैरिएंट कुछ और लोगों तक भी पहुंच गया होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि इस शादी में शामिल हुए 100 लोगों में से 34 के सैंपल लिए गए थे। नौ लोगों के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के अलावा 25 लोगों के टेस्ट नेगेटिव आए हैं।
इससे पहले पुण के पिंपरी चिंचवाड़ में एक ही परिवार के छह लोग संक्रमित मिले थे। इसके बाद महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीजों की कुल संख्या आठ हो गई है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने रविवार को दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले मामले की पुष्टि की। तंजानिया से लौटे मरीज को राष्ट्रीय राजधानी के लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ ओमिक्रॉन मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है।
कर्नाटक में इस वैरिएंट से संक्रमण के दो मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से एक शख़्स अफ्रीका का ही है और वह भारत छोड़कर जा चुका है जबकि दूसरा शख़्स बेंगलुरू का है।गुजरात के जामनगर में 71 साल का एक शख़्स ओमिक्रॉन से संक्रमित मिला है। वह 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से जामनगर लौटा था।
ग़ायब हो रहे लोग
ओमिक्रॉन वैरिएंट के ख़तरे के बीच देश में कई जगहों से इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि विदेशों से आए लोग ग़ायब हो गए हैं। इस तरह का एक वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी सामने आया है। यहां 13 लोग ऐसे हैं जो बीते दिनों में विदेश से लौटे हैं लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल पा रहा है। इन लोगों ने प्रशासन को अपने पते भी ग़लत दिए हैं फिर भी इन्हें खोजने की पूरी कोशिश की जा रही है।
इसी तरह कर्नाटक में कम से कम 10 लोग ऐसे हैं, जो बीते दिनों अफ्रीकी देशों से बेंगलुरू आए हैं, लेकिन अब उनका कहीं पता नहीं चल रहा है।
अपनी राय बतायें