राजस्थान में पावरफुल खनन माफिया अब नेताओं पर हमले कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद रंजीता कोली ने अवैध खनन के खिलाफ सोमवार को भरतपुर में धरना दिया और दावा किया कि उनकी कार पर रविवार रात को खनन माफिया ने हमला किया और उन्हें मारने की कोशिश की।
कोली ने कहा कि वह रविवार रात दिल्ली से लौट रही थी और भरतपुर जाते समय उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रक सकड़ पर चल रहे हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा कि जब उन्होंने ट्रकों को रोकने का प्रयास किया तो उन पर हमला किया गया और उनकी कार पर पथराव किया गया। जब उन पर हमला किया जा रहा था तो वह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ पास के खेतों में भाग गईं। उन्होंने दावा किया कि माफिया उनका पीछा करते रहे और बाद में गांव वालों के वहां पहुंचने पर माफिया सांसद की कार को टक्कर मारकर ट्रक लेकर भाग गए।
घटना के बाद, बीजेपी सांसद ने आज पुलिस पर ध्यान नहीं देने और खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि मैंने देखा कि लगभग 150 ट्रक ओवरलोडेड थे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे भाग गए। उन्हें लगा कि मैं कार में हूं और इस तरह उन्होंने पथराव किया और मेरी कार को तोड़ दिया। मैं मारी जा सकती थी। यह मुझ पर हमला है लेकिन मैं डरुंगी नहीं।
सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आरएस काविया ने कहा: सांसद ने रात में हमें बताया कि वह दिल्ली से आ रही थीं, जब उन्होंने ओवरलोड ट्रक देखे। उन्हें रोकने की कोशिश की, जबकि 2-3 ट्रक रुक गए लेकिन अन्य भाग गए। भागते समय उन्होंने उनकी कार पर पथराव किया और उन पर हमला किया। इसी बीच भरतपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन उस जगह पहुंचे जहां बीजेपी सांसद अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठे थे।
डीएम ने बताया कि हमने उनसे शिकायत देने के लिए कहा और वह मान गई। सांसद ने आरोप लगाया है कि उन्हें पुलिस से कोई मदद नहीं मिली।
इस बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, राजस्थान में अराजकता, राज्य में खनन माफिया शासन कर रहे हैं। उनमें हमारी मौजूदा सांसद रंजीता कोली पर हमला करने की हिम्मत है। यह उन पर पहला नहीं बल्कि चौथा ऐसा हमला है। राजस्थान में कानून-व्यवस्था बिगड़ रही है।
जुलाई में भी हुआ था हमला
बीजेपी सांसद रंजीता कोली पर जुलाई में भी खनन माफिया ने हमला किया था। वो अचानक अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन की जांच करने गईं तो उसी दौरान उन पर पथराव किया गया।यही नहीं जुलाई में ही डीग तहसील के अडावली गांव में वन विभाग की टीम पर खनन माफिया ने हमला किया। वन विभाग के तहत आने वाले जसरापुर गांव में अवैध पत्थर निकाले जाने की सूचना पर दो इलाकों की टीम वहां पहुंची। खनन माफिया ने वन अधिकारी की गाड़ी को ट्रैक्टर से टक्कर मारी और भाग गए।राज्य के कुछ अन्य इलाकों में भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं जहां सरकारी अफसरों पर माफिया ने हमले किए हैं।
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