योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को अदालत में सरेंडर कर दिया है। सचान ने कहा है कि उन पर कोर्ट की कॉपी लेकर भागने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह गलत है। राकेश सचान को कानपुर में 1991 के आर्म्स एक्ट के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। पुलिस ने मंत्री के खिलाफ लगे इन आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
राकेश सचान के खिलाफ यह मामला 31 साल पुराना है। अदालत ने शनिवार को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। राकेश सचान पर आरोप है कि वह अदालत से कोर्ट की कॉपी लेकर फरार हो गए थे। इस मामले में अदालत की ओर से राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
शिकायत में कहा गया था कि अदालत में आर्म्स एक्ट के मुकदमे से जुड़ी फाइल के कुछ कागजों को जिसमें सचान को दोषी ठहराए जाने का आदेश भी था, मंत्री उन्हें लेकर अदालत से गायब हो गए।
लेकिन सचान ने टीवी चैनल TV9 भारतवर्ष के साथ बातचीत में कहा कि वह अदालत से नहीं भागे थे। उन्होंने कहा कि वह अदालत में अपना पक्ष रखेंगे और इस मामले में अदालत का फैसला मान्य होगा। उन्होंने कहा कि अदालत और कचहरी परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और सीसीटीवी कैमरों को खंगालने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अदालत में सिर्फ 5 मिनट के लिए ही रुके थे और इसके बाद क्या हुआ उसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि ना तो उन्होंने कोई पर्चा अदालत से लिया न ही वह कोई पर्चा लेकर वहां से भागे।
अखिलेश यादव पर बोला हमला
राकेश सचान ने इस मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला है। सचान ने कहा कि जब तक वह समाजवादी पार्टी में थे वह एक अच्छे इंसान थे लेकिन बीजेपी में जाने के बाद उन्हें भगोड़ा मंत्री कहा जा रहा है। सचान ने कहा कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने का आदेश दे दिया था लेकिन अब उन्हीं मामलों को लेकर अखिलेश यादव उन पर निशाना साध रहे हैं।
संजय निषाद भी मुश्किल में
योगी आदित्यनाथ सरकार के एक और मंत्री संजय निषाद भी मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने संजय निषाद को 10 अगस्त तक अदालत में पेश करने के लिए कहा है।
यह मामला 2015 में निषाद समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए हुए आंदोलन से जुड़ा है। गोरखपुर के सहजनवा इलाके में उस वक्त यह आंदोलन हिंसक हो गया था और इसमें एक शख्स की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। कई पुलिस कर्मचारी भी इस दौरान घायल हुए थे।
तब संजय निषाद और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ भीड़ को उकसाने सहित कई अन्य आरोपों को लेकर मामला दर्ज किया गया था। अदालत के आदेश के बाद संजय निषाद ने कहा है कि वह अपने समुदाय के लिए जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह निषाद समुदाय की आवाज को उठाते रहेंगे।
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