हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
जीत
हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट
जीत
बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार
जीत
राजस्थान के कोटा में लगातार बढ़ते आत्महत्या के मामलों ने पढ़ाई के तौर-तरीक़ों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। इस साल कोटा में कम से कम 22 छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। रविवार को परीक्षा देने के कुछ घंटों बाद दो नीट अभ्यर्थियों की आत्महत्या के बाद कोचिंग संस्थानों को टेस्ट रोकने के लिए आदेश निकाला गया है।
कोटा में अधिकारियों ने कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए एनईईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के नियमित टेस्ट आयोजित करने से रोकने के लिए कहा है। यह कदम हाल ही में कई अभ्यर्थियों द्वारा की गई आत्महत्याओं के मद्देनजर उठाया गया है।
इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा यानी एनईईटी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं।
कहा जाता है कि छात्रों की संख्या अधिक होने से प्रतिस्पर्धा बेहद ज़्यादा है। पढ़ाई का ख़र्च बेहद ज़्यादा होने और बहुत ज़्यादा उम्मीदें लगाने से अनावश्यक दबाव बनता है। कुछ लोग मानते हैं कि जिस तरह प्रतिस्पर्धा का दबाव और पढ़ाई का तौर तरीका है, वह काफ़ी हद तक बच्चों में डिप्रेशन पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार है।
पुलिस ने बताया कि अविष्कार शंबाजी कासले (17) ने मॉक नीट टेस्ट देने के बाद एक कमरे से बाहर निकलने के कुछ मिनट बाद दोपहर करीब 3.15 बजे जवाहर नगर में अपने कोचिंग संस्थान की इमारत की छठी मंजिल से छलांग लगा दी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे आदर्श राज (18) ने भी शाम करीब सात बजे कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में अपने किराए के फ्लैट में फांसी लगा ली।
कहा जा रहा है कि इन दोनों आत्महत्याओं के पीछे का कारण यह है कि कोचिंग सेंटरों द्वारा आयोजित नियमित टेस्ट के दौरान अभ्यर्थी स्पष्ट रूप से कम अंक प्राप्त करने के दबाव में थे। अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार रात जारी एक आदेश में कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए नियमित टेस्ट आयोजित करने से रोकने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि निर्देश छात्रों को 'मानसिक सहायता' प्रदान करने के लिए पारित किए गए।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें