बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संकेत दिया है कि वे 'इंडिया' गठबंधन के संयोजक नहीं बनेंगे, बल्कि गठबंधन का संयोजक किसी और को बनाया जा सकता है। सोमवार को नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसको लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने की मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है।
गठबंधन के संयोजक बनने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि वो तो दूसरे लोगों को बनाया जाएगा,
हम तो सबको एकजुट करना चाहते हैं, और सब लोग मिलकर चुनाव लड़ें। हम तो सब के हित में चाहते हैं, यह कभी मत सोचिए कि हम लोग कुछ चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं कुछ भी नहीं बनना चाहता, ये बात मैं आपको बार-बार कहता आया हूं। मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है।
31 अगस्त और 1 सितंबर को मुम्बई में 'इंडिया' गठबंधन की तीसरी बैठक होने वाली है। ऐसे में नीतीश कुमार का यह बयान काफी मायने रखता है। मुंबई की इस बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। लेकिन नीतीश के बयान से कयास लगाए जा रहे हैं कि अब किसी और नेता को गठबंधन का संयोजक बनाया जा सकता है।
लालू प्रसाद यादव ने भी दिया था संकेत
पिछले दिनों अपने गृह जिला गोपालगंज पहुंचे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी संकेत दिया था कि 'इंडिया' गठबंधन का संयोजक किसी और नेता को बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि कन्वेनर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि कोई और भी हो सकता है।
'इंडिया' गठबंधन में संयोजक को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा था कि और अगली बैठक में सभी दलों के लोग मिल बैठकर संयोजक का नाम तय कर लेंगे। लालू यादव ने कहा था कि तीन चार राज्यों का एक संयोजक बनाया जाएगा और सहूलियत के लिए राज्यों में भी संयोजक नियुक्त किए जाएंगे।
गठबंधन में कुछ और दल शामिल होंगे
इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि 'इंडिया' गठबंधन में कुछ और दल भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव को लेकर मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम सभी विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं।
पिछले दिनों नीतीश ने कहा था कि लोकसभा चुनाव की सीटों का बंटवारा जल्द होना चाहिए।यह तय हो जाए कि कौन-कौन, कहां-कहां से लड़ेगा। हम विपक्षी एकता की अगली बैठक में भाग लेने मुंबई जा रहे हैं। वहां हम सब एक साथ मिल बैठकर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी पर निर्णय लेंगे।
26 से ज्यादा दलों के नेता जुट सकते हैं यहां
मुंबई में होने जा रही इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की तीसरी बैठक को लेकर सब की निगाहे हैं। इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इसमें 26 से ज्यादा विपक्षी राजनीतिक दलों के करीब 80 नेता शामिल हो सकते हैं। वर्तमान में इस विपक्षी गठबंधन में 26 दल शामिल हैं। मुंबई बैठक में कुछ और दलों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीट के तालमेल के संदर्भ में भी कोई रूपरेखा तैयार की जा सकती है। इस दो दिवसीय बैठक में गठबंधन के लोगो का अनावरण होने और इसके संयोजक का चयन होने की भी संभावना है।
मुंबई बैठक में तय होगी 11 सदस्यीय समन्वय समिति
इंडिया गठबंधन की आगामी मुंबई बैठक का बड़ा एजेंडा 11 सदस्यीय समन्वय समिति तय करना है। हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन में अब 26 पार्टियां हैं, लेकिन यह निर्णय लिया गया है कि एक -एक प्रतिनिधि 11 पार्टियों से लिया जाएगा। इन 11 पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आप, जेडी (यू), राजद, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट ) , जेएमएम, समाजवादी पार्टी और सीपीआई (एम) शामिल हैं। सिर्फ 11 ही पार्टियों को इस समिति में शामिल करने का मकसद ताकि निर्णय लेने में पैनल बोझिल न बन जाए। इसे छोटा रखने से तेजी से निर्णय लिया जा सकेगा।
18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी बैठक
मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुके विपक्षी दलों ने अपनी पिछली बैठक 18 जुलाई को बेंगलुरु में की थी। इसका आयोजन कांग्रेस पार्टी की ओर से किया गया था। उस बैठक में 26 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। इसमें ही पहली बार संयुक्त विपक्ष का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस या ‘इंडिया’ रखा गया था। इस नाम को विपक्ष की बड़ी रणनीतिक जीत को तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने पिछली बैठक में कहा था कि यह ‘इंडिया' 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पराजित करेगा।
बेंगलुरु की उस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।
23 जून को पटना में हुई थी विपक्षी दलों की पहली
विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में आयोजित की गई थी। इस बैठक का आयोजन जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा किया गया था। माना जाता है कि मोदी सरकार या भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की पहली बड़ी कोशिश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। नीतीश कुमार ने विभिन्न राज्यों का दौरा कर रे विपक्षी दलों के नेताओं को एक मंच पर आने के लिए तैयार किया था। नीतीश ने कहा था कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। पटना की बैठक इसलिए भी ऐतिहासिक थी कि इसमें कई ऐसे विपक्षी दलों ने भी हिस्सा लिया था जिनकी आपस में ही नहीं बनती है।
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