राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख अब बदल गई है। अब मतदान 25 नवंबर को होगा, पहले यह 23 नवंबर को होना था।
यह पहली बार है कि राजस्थान में चुनाव की घोषणा होने के बाद मतदान की तिथि बदली गई हो। इसकी घोषणा चुनाव आयोग ने बुधवार को कर दी है।
हालांकि चुनाव आयोग ने सिर्फ मतदान की तिथि बदली है, नामांकन, नाम वापसी, मतगणना सहित इससे जुड़ी अन्य तिथियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
23 नवंबर को देवउठनी एकादशी (ग्यारस) है। इसके कारण मांग की जा रही थी कि तिथि में बदलाव किया जाए। आशंका जताई जा रही थी कि इससे वोटिंग प्रतिशत घट सकता था।
बुधवार सुबह भी पाली सांसद पीपी चौधरी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की थी कि मतदान की तारीखें बदली जाएं।
माना जा रहा है कि भारी जनदबाव को देखते हुए ही चुनाव आयोग ने मतदान की तिथि में संशोधन की घोषणा की है। राज्य में चुनाव की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लग चुकी है।
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एक ही चरण में होगा चुनाव, 3 दिसंबर को मतगणना
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को घोषित चुनाव आयोग के संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, राजस्थान विधानसभा चुनाव 23 नवंबर के बजाय 25 नवंबर को होंगे। चुनाव एक ही चरण में होंगे और नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे।उस दिन शादियों और सामाजिक व्यस्तताओं का हवाला देते हुए, चुनाव पैनल ने कहा कि वह तारीख को संशोधित कर रहा है। बीते सोमवार को ही चुनाव आयोग ने 23 नवंबर को राजस्थान में मतदान दिवस घोषित किया था।
चुनाव आयोग को विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों की ओर से मतदान की तिथि को बढ़ाने के लिए आवेदन मिले थे। उस दिन बड़े पैमाने पर शादी, सामाजिक व्यस्तताओं को ध्यान में रखते हुए मतदान की तारीख में बदलाव के लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर भी इस मुद्दे को उठाया गया था।
राजस्थान में 200 विधानसभा क्षेत्र हैं। राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहा है। वर्तमान में, राज्य में कांग्रेस की अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है।
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राजस्थान में हैं 5 करोड़ 27 लाख मतदाता
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में लगभग 5 करोड़ 27 लाख मतदाता हैं। राजस्थान में करीब ढाई करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता हैं।लैंगिक आधार पर देखें तो राजस्थान में 51.93 प्रतिशत पुरुष मतदाता हैं और 47.79 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। ये मतदाता ही उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
इनमें से 51 प्रतिशत युवा मतदाता हैं। यही कारण है कि माना जा रहा है कि इस चुनाव में युवा मतदाता निर्णायक साबित होंगे। ये वैसे मतदाता हैं जिनकी उम्र 18 से 39 साल है। इनमें पहली बार वोट डालने वाले 22 लाख 6 हजार मतदाता हैं।
चुनाव में मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सभी दलों ने जमकर लुभावनी घोषणाएं की हैं। हालांकि राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में है। पिछले कुछ दशकों से यही दोनों दल बदल-बदल कर सत्ता में आते रहे हैं।
भाजपा को जहां भरोसा है कि इस बार भी पूर्व की तरह सत्ता बदलेगी और उसकी सरकार बनेगी वहीं कांग्रेस का दावा है कि इस बार उसकी सरकार दुबारा से आयेगी। अब किसकी सरकार बनेगी यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा जब चुनाव के नतीजे सामने आयेंगे। फिलहाल राजस्थान में चुनाव प्रचार तेज हो चुका है।
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