पिछले दिनों बसपा सांसद दानिश अली पर विवादित और अपमानजनक टिप्पणी करने वाले भाजपा सांसद रमेश बिधूरी को भाजपा ने राजस्थान चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव से जुड़ी जिम्मेदारी उन्हें दी है। रमेश बिधूड़ी की जिम्मेदारी जिले में पार्टी के चुनाव प्रभारी के समान होगी।
टोंक जिले में बड़ी संख्या में गुर्जर समुदाय के मतदाता हैं। इस जिले में चार विधानसभा सीटें हैं। भाजपा का मानना है कि बिधूड़ी उसे वोटों को स्विंग करने में मदद कर सकते हैं क्योंकि वह भी गुर्जर जाति से हैं।
इस जिले में भाजपा द्वारा रमेश बिधूरी को भेजना इसलिए भी अहम है कि यह जिला वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। सचिन पायलट भी गुर्जर समुदाय से आते हैं। 2018 में पायलट टोंक विधानसभा सीट से ही चुने गए थे। अटकले लगाई जा रही है कि सचिन पायलट आगामी विधानसभा चुनाव भी टोंक निर्वाचन क्षेत्र से लड़ेंगे।
ऐसे में रमेश बिधूरी के रूप में भाजपा अपने गुर्जर चेहरे को टोंक जिले में भेज कर यहां कि राजनीति को अपने पक्ष में करना चाहती है। बिधूड़ी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया कि वह जयपुर में आयोजित टोंक जिले की समन्वय बैठक में शामिल हुए थे। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने की थी।
भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी राष्ट्रीय राजधानी के जमीनी स्तर के भाजपा नेताओं में से एक हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र में उनका काफी प्रभाव है।
भाजपा ने इससे पहले भी नियमित रूप से विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में अपने सांसदों को तैनात किया है। वहीं रमेश बिधूड़ी का इस्तेमाल भी पार्टी ने पिछले कई चुनावों में किया है।
भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था
रमेश बिधूरी दक्षिण दिल्ली से भाजपा सांसद हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह संसद के विशेष सत्र के चौथे और अंतिम दिन लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली पर अपमानजनक टिप्पणियां की थी।
इसके बाद काफी हंगामा हुआ था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से रमेश बिधूरी पर कार्रवाई करने की मांग की थी। बिधूरी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को संसद की कार्रवाही से हटा दिया गया था।
दानिश अली पर उनकी अपमानजनक टिप्पणियों के बाद भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कम से कम चार विपक्षी दलों ने अध्यक्ष से इस मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंपने का आग्रह किया है।सांसद कोडिकुन्निल सुरेश, जो बिधूरी द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों के समय अध्यक्ष की कुर्सी पर थे, उन्होंने भी अध्यक्ष को पत्र लिखकर बिधूड़ी को तत्काल निलंबित करने की मांग की थी।
वहीं स्पीकर को लिखे अपने पत्र में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि 'संसद के इतिहास में कभी भी किसी अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
इस पूरे मामले में पीड़ित सांसद दानिश अली ने इसे "संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ हमला" और सड़कों से संसद तक नफरत लाने का प्रयास बताया था।
राजस्थान चुनाव को लेकर भाजपा बना रही है रणनीति
राजस्थान में विधानसभा चुनाव इस वर्ष नवंबर में होने की उम्मीद जताई जा रही है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए इस बार भी मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही है। इसके साथ ही राज्य में बसपा, शिवसेना, आम आदमी पार्टी जैसी छोटी पार्टियां भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं।
पूर्व के कई चुनाव में राजस्थान में भाजपा का चेहरा रही वसुंधरा राजे इस बार चुनावी मैदान में किस भूमिका में होंगी यह अब तक साफ नहीं है। राजनीतिज्ञ विश्लेषकों का मानना है कि इस बार भाजपा नेतृत्व उन्हें राजस्थान की राजनीति में बड़ी भूमिका से दूर रख सकता है।
माना जा रहा है कि इस बार पार्टी उन्हें राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाएगी। सूत्रों का कहना है कि भाजपा मध्य प्रदेश की तरह पीएम मोदी के चेहरे पर राजस्थान विधानसभा के चुनाव में उतरेगी। ऐसे में भाजपा मजबूत चुनावी रणनीति बना रही है ताकि सत्ता में उसकी वापसी हो।
इसी कड़ी में गुर्जर बहुल टोंक जिले में रमेश बिधूरी को भेजा गया है ताकि वह गुर्जर मतदाताओं का वोट पार्टी को दिला सके।
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