राजस्थान में अब भजनलाल शर्मा नए मुख्यमंत्री होंगे। जयपुर में भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मोहर लग गई है। दिल्ली से पहुंचे पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में यह बैठक हुई। इसमें विधायक दल के नेता को चुना गया। 55 वर्षीय भजन लाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़े हुए हैं।
राजस्थान भाजपा कार्यालय में हुई विधायक दल की इस बैठक में भाजपा हाईकमान द्वारा तय किए गए नाम का प्रस्ताव राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रखा। इस पर विधायक दल ने सर्वसहमति से उन्हें अपना नेता चुना है। इसके बाद उनके नाम की घोषणा राजनाथ सिंह ने की है। वहीं वासुदेव देवनानी विधानसभा स्पीकर चुने गए हैं।
इसके साथ ही दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा राजस्थान के उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। इसके साथ ही दीया कुमारी राजपूत समाज से है जबकि प्रेमचंद बैरवा दलित समाज से आते हैं। माना जा रहा है भाजपा ने इनके जरिये जाति समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
भजनलाल शर्मा को भाजपा ने राजस्थान में अपने ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पेश किया है। इससे पहले छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में ओबीसी मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा राजस्थान में किसी सवर्ण चेहरे को मुख्यमंत्री बना सकती है।
वह सांगानेर से विधायक बने हैं। भजनलाल शर्मा पहली बार जीते हुए विधायक हैं। उन्हें भाजपा ने अपने विधायक का टिकट काट कर चुनाव लड़ाया था। भजनलाल शर्मा भाजपा संगठन से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। वह इससे पूर्व राजस्थान में भाजपा के संगठन महामंत्री रह चुके हैं।
संगठन में उनके कामकाज को देखते हुए ही भाजपा ने उन्हें यह पद दिया है। राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक भजनलाल शर्मा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भी काफी करीबी माने जाते हैं। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और एबीवीपी से भी लंबे समय तक जुड़े रहे हैं।
विधायक दल का नेता चुने जाने पर भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की इस नई टीम के जरिए हम राजस्थान का विकास करेंगे।
भरतपुर के रहने वाले हैं भजनलाल शर्मा
वे मूलत: भरतपुर के रहने वाले हैं। विधायकों की ग्रुप फोटो में भजनलाल शर्मा चौथी लाइन में बैठे थे। उन्हें मुख्यमंत्री बना कर भाजपा ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया है। वसुंधरा राजे, सीपी जोशी, दीया कुमारी जैसे दिग्गज नामों को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म था। भजनलाल शर्मा का नाम सीएम पद की दौड़ में कहीं शामिल नहीं था लेकिन उन्हें सीएम बनाकर भाजपा ने संदेश दे दिया है कि वह किसी भी नेता को शीर्ष पद पर बैठा सकती है। उनके चुने जाने से भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया है कि वे अगर लगन से काम करेंगे तो उन्हें आगे बढ़ाया जायेगा। पार्टी ने बता दिया है कि पहली बार के विधायक को भी वह सीएम बना सकती है।
राजनैतिक विश्लेषकों के मुताबिक भजनलाल शर्मा को सीएम बनाने के साथ ही राजस्थान भाजपा में वसुंधरा युग का समापन हो गया है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने वसुंधरा को किनारे कर राजस्थान में एक नया नेता दिया है।
मुख्यमंत्री चुने जाने पर भजनलाल शर्मा पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ राजभवन पहुंच कर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं। अब माना जा रहा है कि बुधवार या गुरुवार को वह शपथ ले सकते हैं।
भाजपा ने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना कर उन आरोपों का जवाब देने की कोशिश की है जिसमें भाजपा पर आरोप लगता रहा है कि वह ब्राह्मणों की उपेक्षा कर रही है। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जाति समीकरणों को अपने पक्ष में करने की कोशिश में है।
अपनी राय बतायें