loader

अजय माकन का राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी के पद से इस्तीफ़ा

वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन ने राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी का पद छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि वह राजस्थान में सितंबर में हुए घटनाक्रम के बाद बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाराज थे। 

बताना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पहले जब मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जब सितंबर में बतौर पर्यवेक्षक राजस्थान पहुंचे थे तो उन्हें बेहद खराब अनुभव से गुजरना पड़ा था। जयपुर में बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में गहलोत समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। 

इन विधायकों ने बैठक में पहुंचने के बजाय कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर बैठक की थी और फिर स्पीकर सीपी जोशी को अपने इस्तीफ़े सौंप दिए थे। ऐसे विधायकों की संख्या 100 के आसपास बताई गई थी। 

इसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने सख्त एक्शन लेते हुए गहलोत के समर्थकों- शांति धारीवाल, महेश जोशी और विधायक धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शांति धारीवाल राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री, महेश जोशी पार्टी के मुख्य सचेतक और धर्मेंद्र राठौर राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के अध्यक्ष हैं। 

ताज़ा ख़बरें

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अजय माकन ने 8 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि वह अब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के पद पर नहीं रहना चाहते क्योंकि शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ अनुशासनात्मक कमेटी के द्वारा कारण बताओ नोटिस दिए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पत्र में कहा गया है कि इन तीनों नेताओं को राजस्थान में भारत छोड़ो यात्रा को लेकर जिम्मेदारी दी गई है। 

पत्र में माकन ने लिखा है कि उनके पास पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं बचा है, वह किस अधिकार से विधायकों से बात करेंगे और प्रभारी के अपने दायित्व का निर्वहन कर पाएंगे। माकन ने कहा है कि इस गंभीर अनुशासनहीनता के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई और यहां तक कि संबंधित लोगों ने माफी भी नहीं मांगी। 

हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और उनसे कांग्रेस प्रभारी के पद पर बने रहने के लिए कहा। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लेकिन एक हफ्ते तक इंतजार करने के बाद माकन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा के लिए कुछ दिन पहले बुलाई गई कांग्रेस टास्क फोर्स की बैठक में भी अजय माकन शामिल नहीं हुए थे।

उस दौरान शांति धारीवाल और कुछ विधायकों ने अजय माकन की खुलकर आलोचना की थी और कहा था कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए सचिन पायलट की तरफदारी कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री बदलने की मांग 

राजस्थान में लंबे वक्त से मुख्यमंत्री को बदले जाने का मामला भी बेहद गंभीर रहा है। राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और सचिन पायलट के समर्थकों की मांग उनके नेता को मुख्यमंत्री बनाने की है। 

राजस्थान से और खबरें

बताना होगा कि सितंबर में जब यह चर्चा शुरू हुई थी कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे तभी से राजस्थान में सियासी पारा चढ़ने लगा था। लेकिन विधायकों की बगावत के बाद अशोक गहलोत ने राजस्थान के घटनाक्रम के लिए पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।

इसके बाद एक बार फिर सचिन पायलट का इंतजार लंबा हो गया। गहलोत के समर्थक और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था कि लोकतंत्र संख्या बल से चलता है और उनके गुट के पास लगभग 100 विधायक हैं। 

पायलट ने कुछ दिन पहले कहा था कि अब इस मामले में अनिश्चितता का माहौल ख़त्म होना चाहिए। देखना होगा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे क्या राजस्थान के सियासी संकट को लेकर कोई फैसला लेंगे और राज्य में कांग्रेस के प्रभारी की भूमिका किस नेता को सौंपेंगे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें