पंजाब में 'काले दौर' अतीत फिर से दोहराया जा रहा है। खुलेआम अलहदा मुल्क खालिस्तान की मांग करने वाले 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह खालसा ने अजनाला पुलिस स्टेशन में पवित्रतम् श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ प्रवेश की कोशिश की। पुलिसकर्मियों तथा अमृतपाल के साथियों के बीच खुली मुठभेड़ हुई। जानकारी के मुताबिक़ इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं और उन पर तलवारों से हमला किया गया।

क्या पंजाब में इतिहास खुद को दोहराने की राह पर है? क्या खालिस्तानी फिर से अपनी जड़ मज़बूत कर रहे हैं और 'काले दौर' की वापसी का डर है? जानिए, अमृतसर में आज के हमले का संकेत क्या है।
23 फरवरी की सुबह ही अमृतपाल सिंह खालसा के बुलावे पर उसके समर्थक अजनाला में इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए हुए थे लेकिन उन्हें तोड़ दिया गया। खुद अमृतपाल सिंह खालसा वहां श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ पहुंचा और उसके बाद माहौल बेहद गर्मा गया। हथियारों से लैस उसके समर्थक थाने पर लगभग हमलावर हो गए। पुलिस ने बलप्रयोग करके उन्हें रोकना चाहा तो तमाम लोग खुली तलवारों के साथ पुलिसकर्मियों को जख्मी करते चले गए। ख़बर लिखे जाने तक पता चला है कि लगभग बीस पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।