प्रकाश सिंह बादल की सरपरस्ती और सुखबीर सिंह बादल की अगुवाई वाला शिरोमणि अकाली दल इन दिनों खासा खस्ताहल है। अकाली दल की इतनी बुरी दशा कभी नहीं रही; जितनी आज है। छह साल पहले तक बहुमत के साथ सत्ता में रहा शिरोमणि अकाली दल मौजूदा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में भी नहीं है। 117 सदस्यों में से उसके सिर्फ़ तीन विधायक हैं। उनमें भी बगावत की सुगबुगाहट है। ग्रामीण पंजाब में पुख्ता आधार रखने वाला शिरोमणि अकाली दल वहां भी भोथरा हो गया है। चौतरफा करारी शिकस्त के बाद अब सूबे की इस सबसे पुरानी पार्टी को 'पंथक एजेंडों' का सहारा है।