जहाँ कई राज्यों में मुस्लिम नाम वाली जगहों के नाम बदलने की कोशिशें की जा रही हैं, जहाँ सोशल मीडिया पर नफरत की बाढ़ आई हुई है, वहीं पंजाब के सरहदी इलाक़ों में सद्भाव की मिसाल दिखती है। जिन सरहदी इलाकों को 1947 वाले बँटवारे का सबसे गहरा जख्म मिला था वहाँ अब सांप्रदायिक सद्भाव का मरहम लगाया जा रहा है। बँटवारे के बाद से उजड़ी हुई मस्जिदों का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है। मस्जिद बनाने के लिए दूसरे धर्मों के लोग भी ज़मीन दान और आर्थिक मदद दे रहे हैं।
इसी देश में सभी धर्म के लोग मिलकर बनवा रहे मस्जिदें!
- पंजाब
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- 10 Jul, 2023
पंजाब के गाँवों में बँटवारे की 'दीवार' को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। सभी समुदाय के लोग मिलकर मस्जिदें बनवा रहे हैं। जानिए, आख़िर सोशल मीडिया पर नफ़रत के दौर में ऐसा सद्भाव कैसे!

पूरे पंजाब के गाँवों में विभाजन से पैदा हुए हालात को अब बदलने की कोशिश है। ऐसी कोशिश खास तौर पर सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर है। ग्रामीण उजड़ी हुई मस्जिदों को बहाल करने में मदद करने के लिए धन और गुरुद्वारे खोल रहे हैं। ऐसी मस्जिदों को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट छापी है। इस रिपोर्ट के अनुसार जमात-ए-इस्लामी हिंद की पंजाब शाखा का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में 165 से अधिक मस्जिदों को बहाल किया गया है। ऐसी स्थिति उस राज्य की है जहाँ आज़ादी के समय मुस्लिम आबादी 40% से घटकर अब 1.93% रह गई है।