पंजाब में अकाली राजनीति बदलने जा रही है। ऐसा पहली बार होगा, जब अकाली दल की राजनीति में बादल परिवार की भूमिका नहीं होगी। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के दखल पर शिरोमणि अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल को अध्यक्ष पद से हटा दिया। हालांकि उन्होंने इस्तीफा दिया था जिसे शुक्रवार को मंजूर किया गया। लेकिन यह सब अकाल तख्त के निर्देश पर हुआ। पंजाब के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल ने 2008 में अपने बेटे को पार्टी का अध्यक्ष बनाया था। कहा जा रहा है कि सुखबीर फिर से पार्टी अध्यक्ष बनने की कोशिश में जुट गये हैं।
गुरुद्वारे लंबे समय तक महंतों के नियंत्रण में थे। लेकिन 1920 में गुरुद्वारा सुधार आंदोलन शुरू हुआ और उसी दौरान शिरोमणि अकाली दल अस्तित्व में आया था। 1995 में प्रकाश सिंह बादल इसके अध्यक्ष बने थे और उसके बाद शिरोमणि अकाली दल बादल परिवार की जेबी पार्टी या समर्पित पार्टी बन गई। लेकिन पंजाब में जब से बादल परिवार की रहनुमाई में पार्टी ने बीजेपी से हाथ मिलाया, पार्टी गिरावट दर्ज करने लगी। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता खासतौर से सुखबीर बादल की नीतियों से नाराज हो गये। सुखबीर पार्टी पर पकड़ खोते गये।