खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब पुलिस और रोडेवाल गुरुद्वारा के ग्रंथी के तथ्यों में तालमेल नहीं है। एएनआई की एक रिपोर्ट में गुरुद्वारे के ग्रंथी के हवाले से बताया गया है कि अमृतपाल शनिवार रात को ही गुरुद्वारे में आ गया था और आज पुलिस को सुबह फोन करके बुलाया। जबकि पंजाब पुलिस के पास इससे अलग अपनी कहानी है, जिसमें वो बता रही है कि यह बहुत बड़ा ऑपरेशन था। अमृतपाल के सामने सरेंडर के अलावा और कोई रास्ता नहीं था।
पंजाब पुलिस का अधिकृत बयान जानिए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि सिख अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह, जो एक महीने से अधिक समय से फरार था, को एक बड़े ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया। अमृतपाल ने एक अलग सिख मातृभूमि, खालिस्तान के गठन के आह्वान का समर्थन किया था। वो हत्या के प्रयास, कानून लागू करने में बाधा और वैमनस्य पैदा करने सहित कई आरोपों के लिए वांछित था।
पुलिस ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह मोगा जिले के पास रोडे गांव में मौजूद है और उसने गांव के सभी रास्तों को बंद करने के लिए बड़ी संख्या में अपने लोगों को तैनात किया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल एक गुरुद्वारे के अंदर था, और उसे गिरफ्तार करते समय गुरुद्वारे की गरिमा बनाए रखी गई।
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