पंजाब के स्थानीय निकायों के चुनाव में रविवार को अकाली दल और कांग्रेस के सदस्यों के बीच कई जगहों पर झड़पें हुई हैं, जिनमें दोनों पक्षों के कुल सात लोग घायल हो गए हैं।
रूपनगर के वार्ड नंबर एक पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के कार्यकर्ता कहासुनी के बाद भिड़ गए, जिसमें सात लोग ज़ख़्मी हो गए।
अकाली दल-कांग्रेस आमने-सामने
इसके अलावा बटाला, राजपुरा, तरण तारण, बठिंडा, गुरदासपुर, समाना, नाभा, नांगल, मोहाली और फ़िरोज़पुर में भी दोनों दलों के लोगों में झड़पें हुई हैं।
बता दें कि इसके पहले राज्य के उप- मुख्यमंत्री रहे सुखबीर बादल के काफिले पर जलालाबाद में हमला हुआ था। इसके बाद से ही चिंता जताई जा रही थी और कहा जा रहा था कि सुखबीर जैसे बड़े क़द के नेता के काफिले पर हमला होने का मतलब है कि राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति लचर है।
8 नगर निगम, 109 नगर पालिका परिषद
ये चुनाव 8 नगर निगमों और 109 नगर पालिका परिषदों में हुए हैं। इनमें कुल 1,630 वार्ड हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख़ 3 फ़रवरी थी जबकि 12 फ़रवरी को प्रचार ख़त्म हो जाएगा। नतीजे 17 फ़रवरी को आएंगे।
अहमियत
भले ही ये स्थानीय निकायों के चुनाव हैं, पर इनका राज्यव्यापी असर पड़ सकता है। ये चुनाव इस लिहाज से ज़्यादा अहम हैं क्योंकि अगले साल फ़रवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए इन्हें सत्ता का सेमी- फ़ाइनल माना जा रहा है।
किसान आंदोलन के कारण सूबे की सियासत बेहद गर्म है और किसानों की प्रधानता वाले इस राज्य में हर राजनीतिक दल इस बात से डरा हुआ है कि कहीं उसे किसानों की नाराज़गी का शिकार न होना पड़े।
किसान आंदोलन शुरू होने के बाद राज्य में यह पहला बड़ा चुनाव है। किसान आंदोलन के कारण राज्य की माली हालत बेहद ख़राब हो चुकी है क्योंकि ढाई महीने से राज्य में किसान धरने पर बैठे हैं।
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