पंजाब की भगवंत मान सरकार ने कहा है कि वह राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मंजूरी न देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी। पंजाब सरकार ने यह फैसला भी लिया है कि 27 सितंबर को एक बार फिर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह फैसले गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल के फैसले के विरोध में चंडीगढ़ में मार्च निकाला है। मार्च में पार्टी के तमाम विधायक, राज्य सरकार के मंत्री और कार्यकर्ता शामिल रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि बीजेपी के ऑपरेशन लोटस में कांग्रेस उसके साथ खड़ी दिख रही है।
क्या है पूरा मामला?
आम आदमी पार्टी सरकार के द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया गया था और राज्यपाल ने 20 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की इजाजत भी दे दी थी। लेकिन बुधवार को एक पत्र जारी कर उन्होंने इसे वापस ले लिया।
क्या कहा है पत्र में?
राज्यपाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की ओर से राजभवन को पत्र मिला है जिनमें कहा गया है कि राज्य सरकार के पक्ष में किसी भी तरह का विशेष सत्र बुलाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। पत्र में कहा गया है कि इस मामले में राज्यपाल ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन से कानूनी राय ली और उसके बाद ही नियमों के मुताबिक पंजाब के विधानसभा सत्र को 20 सितंबर को दी गई मंजूरी को वापस लिया जाता है।
ऑपरेशन लोटस का आरोप
बताना होगा कि कुछ दिन पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेताओं ने उसके विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की और इस दौरान उसके विधायकों को बीजेपी के साथ आने के लिए 25-25 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया। पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हायर, शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा, दिल्ली के विधायक सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना ने ऑपरेशन लोटस को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेन्स की थी और बीजेपी पर हमला बोला था।
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