पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए, ईडी, तमाम राज्यों की पुलिस का ताजा क्रैकडाउन बता रहा है कि केंद्र सरकार इस संगठन पर पाबंदी लगाने की घोषणा कभी भी कर सकती है। पीएफआई चूंकि इस बैन को कोर्ट में जरूर चुनौती देगा, इसलिए सरकार सबूतों के साथ ही बैन लगाना चाहती है। पीएफआई पर बीच-बीच में सरकारी एक्शन हो रहे थे लेकिन इतने बड़े पैमाने पर पहली बार कार्रवाई हुई है। पीएफआई पर केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या का संगीन आरोप है। बिहार में पिछले दिनों पीएफआई से जुड़े ऐसे लोग पकड़े गए हैं जिन पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप है। केरल समेत कई राज्यों में पीएफआई आरएसएस के काम पर नजर रखता है और कानूनी तौर पर शिकायतें दर्ज कराता रहता है। कर्नाटक में बजरंग दल के हथियार ट्रेनिंग कैंप के खिलाफ उसकी शिकायत ने बोम्मई सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी।
पीएफआईः एनआईए का ताजा एक्शन क्या बैन लगाने के लिए है
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- 29 Mar, 2025
पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए का जाता एक्शन बता रहा है कि सरकार इस संगठन पर सिमी की तरह जल्द ही देशभर में बैन लगा सकती है। पीएफआई के खिलाफ गृह मंत्रालय के पास आईबी और एनआईए का डोजियर मौजूद है। जिसमें इस संगठन को राष्ट्रविरोधी बताया गया है। हालांकि इसके महासचिव अनीस अहमद का कहना है कि पीएफआई भारतीय संगठन में अटूट विश्वास रखता है।
