पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए, ईडी, तमाम राज्यों की पुलिस का ताजा क्रैकडाउन बता रहा है कि केंद्र सरकार इस संगठन पर पाबंदी लगाने की घोषणा कभी भी कर सकती है। पीएफआई चूंकि इस बैन को कोर्ट में जरूर चुनौती देगा, इसलिए सरकार सबूतों के साथ ही बैन लगाना चाहती है। पीएफआई पर बीच-बीच में सरकारी एक्शन हो रहे थे लेकिन इतने बड़े पैमाने पर पहली बार कार्रवाई हुई है। पीएफआई पर केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या का संगीन आरोप है। बिहार में पिछले दिनों पीएफआई से जुड़े ऐसे लोग पकड़े गए हैं जिन पर प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप है। केरल समेत कई राज्यों में पीएफआई आरएसएस के काम पर नजर रखता है और कानूनी तौर पर शिकायतें दर्ज कराता रहता है। कर्नाटक में बजरंग दल के हथियार ट्रेनिंग कैंप के खिलाफ उसकी शिकायत ने बोम्मई सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी।