पंजाब में कांग्रेस भले ही बुरी तरह चुनाव हार गई है लेकिन उसके नेताओं के बीच गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। गुटबाजी का एक नजारा गुरुवार को चंडीगढ़ में कांग्रेस के धरने में दिखाई दिया जब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ चंडीगढ़ के सेक्टर 15 में स्थित कांग्रेस भवन में धरना आयोजित किया गया था। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम लिए बिना कहा कि वह हराम के साथ नहीं खड़े होंगे बल्कि ईमान के साथ खड़े होंगे।
लेकिन युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बरिंदर सिंह ढिल्लों और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बलजीत चहल ने सिद्धू का विरोध किया। ढिल्लों ने उनसे कहा कि वह उस नेता का नाम लें और अगर कोई गलत है तो गलत को गलत कहें। ढिल्लों ने सिद्धू से कहा कि वह ड्रामा कर रहे हैं। लेकिन सिद्धू ने कहा कि वह नाम नहीं लेंगे।
इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने ढिल्लों के समर्थन में युवक कांग्रेस जिंदाबाद के नारे भी लगाए।
बड़े नेताओं के बीच हुई बहस का नतीजा यह हुआ कि पार्टी का प्रदर्शन फ्लॉप हो गया और इसके वीडियो के जरिए यह पता चल गया कि कांग्रेस के अंदर कितनी गुटबाजी है।
पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के पीछे सबसे बड़ी वजह गुटबाजी होना ही था। लेकिन बावजूद इसके पार्टी के नेता शायद संभलने को तैयार नहीं दिखते। इसकी झलक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के चयन में भी देखी जा सकती है क्योंकि चुनाव नतीजे आए एक महीने का वक्त होने वाला है लेकिन अब तक कांग्रेस दोनों पदों पर किसी नेता को नियुक्त नहीं कर सकी है।
अगर यही हाल रहा तो कहा जाना चाहिए कि कांग्रेस की स्थिति राज्य में और खराब हो सकती है।
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