एक वक़्त यूपी की राजनीति में माफ़िया डॉन की छवि रखने वाले पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी को यूपी पुलिस पंजाब से लेकर रवाना हो गई है। अंसारी को बांदा की जेल में रखा जाएगा। यूपी पुलिस ने अंसारी को जिस रास्ते से लाया जाएगा, उस रास्ते में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। यूपी पुलिस की कई गाड़ियां और वज्र वाहन अंसारी को लेने के लिए पंजाब की रोपड़ जेल में पहुंचे थे। वहां जरूरी कार्रवाई करने के बाद पुलिस अंसारी को लेकर रवाना हुई।
अंसारी को एंबुलेंस से लाया जा रहा है और उनके साथ पंजाब पुलिस का कोई जवान नहीं है। रास्ते में पड़ने वाली सभी यूपी की सभी जेलों को अलर्ट पर रखा गया है। प्रदेश के कारागार मंत्री जय कुमार जैकी ने कहा है कि मुख़्तार की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बांदा जेल के बैरक में मुख़्तार को कोई वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी और उन्हें जेल नियमों के हिसाब से रहना होगा। उन्होंने कहा कि मुख़्तार की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल निराधार हैं।
पंजाब-यूपी आमने-सामने
मुख़्तार अंसारी को लेकर दो राज्यों की सरकारें लंबे वक़्त तक आमने-सामने रहीं। मुख़्तार रंगदारी मांगने के एक मामले में 2019 से पंजाब की रोपड़ जिले की एक जेल में बंद रहे। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए पूरा जोर लगाया था लेकिन पंजाब सरकार ने मुख़्तार की तबीयत का हवाला देते हुए इसका पुरजोर विरोध किया था। मुख़्तार का भी कहना था कि उत्तर प्रदेश में उनकी जान को ख़तरा है, इसलिए उन्हें वहां न भेजा जाए।
इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और शीर्ष अदालत ने 26 मार्च को मुख़्तार अंसारी को वापस उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया था।
मुख़्तार अंसारी को सुरक्षित वापस उत्तर प्रदेश लाने के लिए हाल ही में उनकी पत्नी अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा था। अंसारी की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर मांग की है कि उनके पति को सुरक्षा दी जाए।
मुख़्तार को पूर्वांचल की राजनीति का बाहुबली नेता माना जाता है। अंसारी पांच बार विधायक रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्हें भू-माफिया भी कहा जाता है। ब्रजेश सिंह के गैंग से उनकी कट्टर दुश्मनी रही है। मुख़्तार के भाई अफ़जाल अंसारी भी राजनेता हैं। मुख़्तार के अलावा कुछ और भू-माफियाओं के ख़िलाफ़ भी योगी सरकार कार्रवाई कर रही है।
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