पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप को नैतिक या सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस एचएस मदान ने यह फ़ैसला पंजाब के तरन तारन जिले से घर छोड़कर भागे एक प्रेमी जोड़े द्वारा सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
लिव-इन रिलेशनशिप नैतिक या सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं: हाई कोर्ट
- पंजाब
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- 18 May, 2021
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप को नैतिक या सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता।

याचिका में प्रेमी जोड़े ने उनकी जिंदगी और आज़ादी की सुरक्षा मांगी थी। घर छोड़ने के बाद से प्रेमी जोड़ा लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। दोनों ने याचिका में कहा था कि वे जल्द ही शादी करना चाहते हैं और लड़की के परिजनों की ओर से उन्होंने अपनी जान को ख़तरा बताया था।
जस्टिस एचएस मदान ने पिछले हफ़्ते दिए अपने इस फ़ैसले में यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा देने का आदेश पास नहीं किया जा सकता, इसलिए याचिका को रद्द किया जाता है।