पंजाब के दो बार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे सुमेध सिंह सैनी जब से आईपीएस होकर पंजाब पुलिस के अधिकारी हुए, तभी से उन्होंने खाकी के साथ-साथ विवादों की बदरंग वर्दी भी पहन ली थी। भारत का शायद ही कोई आईपीएस अधिकारी इतना विवादास्पद रहा होगा, जितना कि सैनी। पुलिस सेवा के समूचे कार्यकाल में वह जहाँ-जहाँ भी गए, पूरे धड़ल्ले से या तो विवादों पर बैठे या विवादों को अपने सिर पर रखा। यों उनकी एक छवि 'ईमानदार' और कड़क पुलिस अफ़सर की भी रही है। भ्रष्टाचार का कोई 'विशेष' दाग़ उन पर नहीं है। दूसरों से क़ानून व्यवस्था का पालन करवाने के लिए किसी भी हद तक गए लेकिन यह मानकर कि ख़ुद उन पर कोई क़ानून- क़ायदा लागू नहीं होता।

पंजाब के दो बार पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रहे और अब सेवामुक्त सुमेध सिंह सैनी 29 साल पुराने एक गंभीर मामले में फिर से आरोपी माने गए हैं और बामुश्किल उन्हें जमानत हासिल हुई है।
ख़ैर, अब सेवामुक्त सुमेध सिंह सैनी 29 साल पुराने एक गंभीर मामले में फिर से आरोपी माने गए हैं और बामुश्किल उन्हें जमानत हासिल हुई है। मामले में मिल रहे साक्ष्य और हालात साफ़ ज़ाहिर कर रहे हैं कि वह दिन दूर नहीं जब ख़ुद को समूची फ़ोर्स में सर्वशक्तिमान समझने वाला यह शख्स सलाखों के पीछे होगा। जिस केस में 11 मई को सुमेध सिंह सैनी को अग्रिम जमानत मिली है, वह भारतीय न्याय व्यवस्था की और पुलिस के बेतहाशा बेलगाम होने के अजीबो-गरीब सच को भी बयान करता है।