पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के मुख्य सलाहकार मोहम्मद मुस्तफा अपने एक बयान को लेकर बुरी तरह घिर गए हैं। मोहम्मद मुस्तफा पंजाब के डीजीपी रहे हैं और उन्होंने यह बयान पंजाब के मलेरकोटला में एक चुनावी सभा में 21 जनवरी को दिया। हालांकि मुस्तफा ने कहा है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था।
मुस्तफा के खिलाफ मलेरकोटला में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मुस्तफा ने चुनाव में फायदा लेने के मकसद से दो समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया।
मोहम्मद मुस्तफा पंजाब सरकार में मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं। रजिया सुल्ताना मलेरकोटला सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
क्या कहा मुस्तफा ने?
इस वायरल वीडियो में मुस्तफा कई लोगों के बीच एक चुनावी सभा में खड़े हैं। इस दौरान वह कहते हैं, “मैं कानून के हिसाब से चलने वाला इंसान हूं, आज इन्होंने जो हरकत की है, मेरा जलसा यहां होना था, इन्होंने शोर मचाने की कोशिश की है, अगर दोबारा इन्होंने ऐसा किया तो मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं कि इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा।” इस दौरान वहां खड़े मुस्तफा के समर्थक जोर-जोर से तालियां बजाते हैं।
मुस्तफा आगे कहते हैं कि अगर दोबारा से इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम इनके घर में घुस कर मारूंगा। मुस्तफा इसके बाद कहते हैं कि वह वोटों के लिए नहीं लड़ रहे हैं, वह कौम के लिए लड़ रहे हैं। आगे वह कहते हैं कि मेरे जलसे के बराबर में आगे से फितनों को इजाजत दी गई तो मैं ऐसे हालात पैदा कर दूंगा कि संभालने मुश्किल हो जाएंगे।
बीजेपी ने इस मामले में आरोप लगाया है कि मोहम्मद मुस्तफा ने यह बयान हिंदुओं के खिलाफ दिया है। आम आदमी पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा है कि कांग्रेस चुनाव से पहले राज्य के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सांसद ने किया विरोध
इस मामले में कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भी ट्वीट किया है। बिट्टू ने कहा है कि वह मुस्तफा के इन शब्दों को सुनकर हैरान हैं। बिट्टू ने कहा कि पंजाब धार्मिक सौहार्द का शानदार उदाहरण है जहां सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं और मुस्तफा का बयान न सिर्फ पंजाब के सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ है बल्कि कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के भी खिलाफ है।
मुस्तफा ने दी सफाई
जबकि मुस्तफा ने ट्वीट कर कहा है कि मलेरकोटला का जो वीडियो सामने आया है उसमें हिंदू-मुसलिम जैसा कुछ नहीं है। पूर्व डीजीपी ने कहा कि उन्होंने फितनों शब्द का इस्तेमाल किया था जिसका मतलब होता है शरारती तत्व और यह उनके समाज में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
पहले भी हुआ था बवाल
नवजोत सिद्धू के सलाहकारों के बयानों को लेकर पहले भी पंजाब में काफी हंगामा हो चुका है। सिद्धू के सलाहकार रहे मलविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग के बयानों को लेकर बीते साल पार्टी के भीतर ही काफी असंतोष पैदा हुआ था।
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