गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से ही फरार चल रहे पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने कई दिन तक पुलिस को चकमा दिया लेकिन आख़िरकार वह पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। लगभग दो हफ्ते तक सिद्धू किसके साथ रहा, कहां रहा, किसने उसकी मदद की, ये वे सवाल हैं जिनका जवाब पुलिस के साथ ही आम लोग भी जानना चाहते हैं।
शुरुआती दिनों की छापेमारी के बाद जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम को सिद्धू नहीं मिला तो उसकी जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम देने का एलान किया गया। ऐसा दीप सिद्धू और जिनके साथ वह रह रहा था, उन पर दबाव बनाने के लिए किया गया, शायद इसका असर भी हुआ क्योंकि गिरफ़्तारी से कुछ दिन पहले सिद्धू के साथियों ने उससे दूरी बना ली थी।
पुलिस के मुताबिक़, पंजाबी फ़िल्मों की एक अदाकारा को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। क्योंकि पता चला है कि सिद्धू ने इस अदाकारा से मदद मांगी थी और अपने दोस्तों से संपर्क में रहने के लिए वह उसका मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल कर रहा था।
'हिंसा के लिए है जिम्मेदार'
पुलिस ने सिद्धू की रिमांड के लिए अदालत के सामने जो अर्जी लगाई थी, उसके मुताबिक़ सिद्धू दंगाइयों को भड़काने के लिए जिम्मेदार है और लाल क़िले पर हुई घटना के मुख्य साज़िशकर्ताओं में से एक है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा है कि जब वह छिपा हुआ था तब भी वह युवाओं को भड़का रहा था। पुलिस के मुताबिक़, लाल किले पर हुई हिंसा मामले में एफ़आईआर दर्ज होने के बाद दीप सिद्धू और किसान आंदोलन में सक्रिय और पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिढाणा अंडरग्राउंड हो गए थे।
महिला दोस्त के संपर्क में था
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, पुलिस के एक सूत्र ने बताया, “लाल किले पर हिंसा के बाद सिद्धू सोनीपत चला गया था, वहां वह एक मोटल में रुका और उसने अपने मोबाइल फ़ोन बंद कर दिए थे। इसके बाद वह एक कार में इधर से उधर जाता रहा और इस दौरान उसके दोस्त उसे ज़रूरी मदद दे रहे थे। वह कैलिफ़ोर्निया में रह रही अपनी एक महिला दोस्त के संपर्क में भी था।”
पुलिस के सूत्र के मुताबिक़, “फरार रहने के दौरान सिद्धू ने अपने दोस्तों के फ़ोन से वीडियो बनाए और वह उन्हें इस महिला दोस्त को भेजता था। वही इन्हें सिद्धू के फ़ेसबुक अकाउंट पर अपलोड करती थी।”
छापे मारती रही पुलिस
सिद्धू ने पुलिस को बताया कि इस दौरान वह अपनी पहचान को छिपाकर कई मोटल्स में रुका और एक दोस्त की मदद से उसे एक नया नंबर भी मिल गया था। इस दौरान पुलिस उसकी तलाश में मुंबई, बिहार, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में छापे मारती रही।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, एक वरिष्ठ पुलिस अफ़सर ने बताया कि कुछ दिन पहले ऐसी ही एक छापेमारी के दौरान पुलिस ने बिहार से सिद्धू के एक सहयोगी को हिरासत में लिया था और उसने सिद्धू के बारे में कुछ अहम जानकारियां दीं। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और जब सिद्धू करनाल बाइपास पर अपने दोस्त से मिलने आया तो उसे पकड़ लिया गया।
पीछे हट गए थे दोस्त
अख़बार के मुताबिक़, एक अफ़सर ने बताया कि दीप सिद्धू लगातार अपनी जगह बदल रहा था। पांच दिन पहले वह पंजाब में था, इसके बाद उसकी लोकेशन सिंघु बॉर्डर पर मिली। सिद्धू पर इनाम घोषित होने के बाद उसके दोस्त भी उसे ठहरने के लिए जगह देने में हिचक रहे थे। पिछले पांच दिन से उसने एक ही जोड़ी कपड़े पहने हुए थे।
पुलिस ने अदालत से कहा, “सिद्धू से उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप को अपने कब्जे में लेना बहुत ज़रूरी है। सिद्धू मुंबई, पंजाब और हरियाणा में कई अलग-अलग जगहों पर रह रहा था।” पुलिस ने कहा है कि वह बाक़ी अभियुक्तों और साज़िशकर्ताओं को भी दबोचेगी। इनमें से एक इक़बाल सिंह को बुधवार सुबह पंजाब के होशियारपुर से गिरफ़्तार कर लिया गया है।
सोशल मीडिया अकाउंट्स की होगी जांच
अब पुलिस दीप सिद्धू के सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच करेगी। पुलिस ने अदालत को बताया कि सिद्धू के समर्थकों ने सबसे पहले पुलिस के बैरिकेड तोड़े और इन समर्थकों की पहचान लगाने के लिए सिद्धू की हिरासत बेहद जरूरी है। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस अब तक 40 से ज़्यादा एफ़आईआर दर्ज कर चुकी है और 127 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है।
दीप सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सनी देओल के लिए प्रचार किया था। लाल किले पर हुई हिंसा के बाद सनी देओल ने कहा था कि उनका और उनके परिवार का दीप सिद्धू से अब कोई रिश्ता नहीं है और वह 6 दिसंबर को ट्वीट कर इस बात को साफ कर चुके हैं। कई किसान नेताओं ने युवाओं को गुमराह करने के लिए दीप सिद्धू की आलोचना की थी और उसे केंद्र सरकार का दलाल बताया था।
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