loader

दल खालसा ने फिर की हरकत, अलगाववादी माँग उठाई

कट्टरपंथी सिख संगठन ‘दल खालसा’ ने 15 से 17 मार्च को जी-20 के सदस्य देशों की अमृतसर यात्रा से पहले एक पत्र लिखा है। दल खालसा ने इस पत्र में मानवाधिकारों, 'बंदी सिंह' (सिख राजनीतिक कैदी), एहतियातन हिरासत में लिए जाने से संबंधित मुद्दों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया गया है।
जी-20 देशों को लिखे पत्र में दल खालसा के पत्र में कहा कि मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को जवाब देना है। यहां बड़े पैमाने पर यातना दी जा रही हैं। यहां जमानत के बजाए, जेल, आदर्श बन गया है। यहां राजनैतिक केदियों के लिए असमान मानदंड तय किये गये हैं। जाने कितने सिख राजनीतिक कैदी सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं। असहमति को आतंकवाद के बराबर माना जाता है। पत्रकारों, छात्रों और मानवाधिकार रक्षकों को एहतियातन हिरासत का सामना करना पड़ रहा है।
ताजा ख़बरें
कट्टरपंथी सिख संगठन की कार्यकारी समिति ने सोमवार को दल खालसा कार्यालय में हुई एक बैठक में यह पत्र लिखने और अमृतसर में प्रतिनिधियों की बैठक के साथ एक सार्वजनिक समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष हरपाल सिंह चीमा ने की।
दल खालसा के प्रवक्ता परमजीत सिंह मंड ने कहा कि 'होला मोहल्ला' समारोह के बाद समारोह की प्रकृति, तारीख और स्थान तय किया जाएगा। दल खालसा के राजनीतिक मामलों के सचिव कंवर पाल सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है, 'राज्य में चुनावी घटनाक्रम के बावजूद पंजाब के लोग आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए संघर्ष में लगे हुए हैं और वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर इस उम्मीद के साथ देखते हैं कि वे अपनी सही आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।'
पत्र में यह भी कहा गया है, 'हमारा दृष्टिकोण यह है कि भारत सहित अधिकांश देश यह देखने में विफल रहे हैं कि शांति और प्रगति साथ-साथ चलती है, शांति न्याय और समानता का पालन करती है। दल खालसा अलग पंजाब की मांग कर रहा एक उग्रवादी संगठन है। जो पिछले कई सालों से पंजाब में सक्रिय है।
पंजाब से और खबरें
पंजाब में खालिस्तान के मांग को लेकर अलग-अलग संगठन बने हुए हैँ। जो कई प्रकार की गतिविधियों में लिप्त हैं। ऐसे ही एक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने पंजाब के अजनाला में काफी उपद्रव किया। अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अजनाला थाने में बंद अपने एक साथी को छुड़ा लिया।
पंजाब में अमृतपाल को उग्रवाद को बढ़ावा देने वाले भिंडरवाले का दूसरा रूप माना जा रहा है, जो पंजाब में अलग राज्य की मांग को हवा देगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें