loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

आगे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

एक रहस्य - 26 जनवरी को क्यों नहीं हुई सिद्धू की रिहाई? 

पंजाब में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनके खेमे को तगड़ा झटका लगा है। कई हफ्तों से कयास थे कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू 26 जनवरी को; सजा पूरी होने के वक्त से पहले रिहा कर दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस आलाकमान तक यह मानकर चल रहा था कि सिद्धू को गणतंत्र दिवस पर विशेष छूट देते हुए अन्य कैदियों के साथ रिहा कर दिया जाएगा। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम पड़ाव में होने वाली रैली में शिरकत के लिए उन्हें निमंत्रण भी दिया था और दिल्ली में प्रियंका गांधी ने सिद्धू की पत्नी डॉक्टर नवजोत कौर सिद्धू से मुलाकात करके सुनिश्चित किया था कि रिहाई के बाद सिद्धू दिल्ली आएंगे और उन्हीं के साथ विमान में श्रीनगर जाएंगे।

केंद्रीय जेल पटियाला में 34 साल पुराने रोडरेज मामले में एक साल की सजा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू के गृह नगर पटियाला में भी उनकी रिहाई पर विशेष कार्यक्रम प्रस्तावित है, जिसे मौके पर ठप करना पड़ा। समर्थकों ने सिद्धू के ट्विटर हैंडल पर एक रूट मैप भी शेयर किया था, जिसमें बताया गया था कि रिहाई के बाद वह किन-किन रास्तों से होकर अपने घर जाएंगे। सिद्धू के समर्थकों का दावा था कि हजारों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता जेल के बाहर 26 जनवरी को उनका स्वागत करेंगे। 25 जनवरी की शाम सिद्धू का कुछ सामान जेल से उनके घर पहुंचा दिया गया था लेकिन 26 जनवरी को रिहाई नहीं हुई। इससे गुस्साई श्रीमती सिद्धू ने ट्वीट किया कि, "नवजोत एक खूंखार जानवर हैं-उनसे दूर रहिए।" यह संदेश दरअसल राज्य सरकार के लिए था।

ताज़ा ख़बरें

बताया जाता है कि सिद्धू से संबंधित फाइल जेल प्रशासन ने लगभग एक महीना पहले जेल मंत्री को भेज दी थी और हाल ही में हुए मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान जेल विभाग मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद अपने पास रख लिया। सो उक्त फाइल भी उन्हीं के कार्यालय में पहुंच गई लेकिन लटक गई। सूत्रों के मुताबिक़ हाल ही में मुख्यमंत्री मुंबई गए थे और मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा से भी मिले थे। कपिल शर्मा ने भी भगवंत मान से आग्रह किया था कि 26 जनवरी को नवजोत सिंह सिद्धू को रिहा कर दिया जाए। इस बाबत मान ने कपिल को आश्वस्त किया था और बताते हैं कि मुंबई से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने सिद्धू तथा अन्य रिहा किए जाने वाले कैदियों की फाइल मंगवाई लेकिन वह अधर में क्यों और कैसे लटक गई, यह कोई नहीं जानता।

26 जनवरी की दोपहर तक उम्मीद जताई जाती रही कि नवजोत सिंह सिद्धू रिहा हो जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद शमशेर सिंह दूलो, महेंद्र सिंह केपी तथा अश्विनी सेखड़ी जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पटियाला पहुंच गए थे।

सिद्धू की संभावित रिहाई टल गई तो उनकी पत्नी पूर्व विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ग़ुस्से और सदमे में आ गईं। ट्वीट करके उन्होंने खुद को अपने घर में अलग-थलग कर लिया। जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस को रिहा होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू या श्रीमती सिद्धू ने संबोधित करना था, उसे शमशेर सिंह दूलो और महेंद्र सिंह केपी ने संबोधित किया। शमशेर सिंह दूलो कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान और पूर्व सांसद रहे हैं। वह और महेंद्र सिंह केपी तथा अश्विनी सेखड़ी खुलेआम सिद्धू खेमे के साथ हैं। 
पंजाब से और ख़बरें

शमशेर सिंह दूलो कहते हैं, "नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल जानबूझकर लटकाई गई ताकि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत न कर पाएं। भगवंत मान ओछी राजनीति कर रहे हैं। मौखिक तौर पर जेल प्रशासन ने कह दिया था कि 26 जनवरी को सिद्धू की रिहाई सुनिश्चित है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।" जबकि महेंद्र सिंह केपी के अनुसार, "सत्तासीन आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि 'लोकप्रिय' कांग्रेसी नेता सिद्धू भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हों। उन्होंने एक भी पैरोल नहीं लिया और जेल प्रशासन ने लिखित में दिया है कि उन्हें अच्छे व्यवहार के लिए भी छोड़ दिया जाना चाहिए। सात महीने से ज्यादा वह जेल में हैं। उनके साथ-साथ भगवंत मान सरकार ने उन कैदियों के साथ भी ना इंसाफी की है जिन्हें 26 जनवरी को रिहा किया जाना था।"

पटियाला ही नहीं, बल्कि लुधियाना महानगर में भी सिद्धू की रिहाई और स्वागत के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए थे जो गुरुवार शाम को हटा लिए गए। तमाम कार्यक्रम धरे के धरे रह गए।

अलबत्ता सिद्धू विरोधी कांग्रेसी खेमे भीतर ही भीतर बहुत खुश हैं कि सिद्धू की रिहाई चंद दिनों के लिए टल गई। वे इसी से राहत महसूस कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू अगर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खडगे के साथ मंच साझा करते तो यकीनन उनका राजनीतिक कद बढ़ना था। अब आलम बदल गया है। सिद्धू के परिजन और समर्थक मायूस हैं और उनका खेमा भी आक्रमक तेवरों में है। शमशेर सिंह दूलो तो खुलकर कहते हैं कि हमारे कई कांग्रेसी भाइयों को खुशी है कि नवजोत की रिहाई नहीं हुई। इशारों-इशारों में उन्होंने यह भी कहा कि 26 जनवरी की सुबह तक यकीन था कि नवजोत सिंह सिद्धू को रिहा कर दिया जाएगा लेकिन बुलावे के बावजूद हमारे कई बड़े लीडर पटियाला नहीं आए। साफ जाहिर है कि उनका इशारा प्रताप सिंह बाजवा के साथ-साथ प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की ओर भी था।

ख़ास ख़बरें

अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के अनुसार, "यह जिलास्तरीय कार्यक्रम था, न कि राज्य स्तरीय कि प्रदेशाध्यक्ष का उसमें शामिल होना जरूरी था। इशारों में उन पर तोहमत लगाना सही नहीं है। आदत से मजबूर कुछ नेता ऐसा कर रहे हैं जोकि गलत है।" सिद्धू विरोधी खेमे के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वह (नवजोत सिंह सिद्धू) कौन सी जंग जीतकर आ रहे थे कि उनके स्वागत के लिए कांग्रेस की पूरी लीडरशिप मौजूद रहती! वह रिहा होते या वक्त पर रिहा होते, इससे किसी को क्या फर्क पड़ता?"

26 जनवरी को नवजोत सिंह सिद्धू की प्रस्तावित व संभावित रिहाई पर पंजाब सरकार का कोई अधिकृत बयान यह ख़बर लिखने तक नहीं आया है और न ही आम आदमी पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता इस पर खुलकर कुछ कहने को राजी है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
अमरीक
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें